130 करोड़ ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन, फेफड़ों की इस गंभीर बीमारी के कारण गई जान

punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 02:13 PM (IST)

नारी डेस्क: पूरी दुनिया के लिए दुख भरी खबर सामने आई है। पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया, वेटिकन के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फेरेल ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर 88 की उम्र में अंतिम सांस ली। फैरेल ने घोषणा में कहा- "आज सुबह 7:35 बजे, रोम के बिशप फ्रांसिस पिता के घर लौट आए। उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था"। वेटिकन समाचार के मुताबिक, वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। बीते दिन ईस्टर के अवसर पर लंबे समय के बाद वे लोगों के सामने आए थे।
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**पोप फ्रांसिस  का असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गोलियो (Jorge Mario Bergoglio) है। वे कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु और वैटिकन सिटी (Vatican City) के राष्ट्राध्यक्ष थे। उन्हें 13 मार्च 2013 को **पोप चुना गया था और वे इस पद को संभालने वाले पहले लैटिन अमेरिकी (अर्जेंटीना) व्यक्ति थे। पोप पूरे विश्व के रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख थे, जो लगभग 1.3 अरब कैथोलिकों का प्रतिनिधित्व करते थे। लेकिन राजनीतिक रूप से, पोप केवल एक ही देश के राष्ट्राध्यक्ष थे।
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पोप वैटिकन सिटी के प्रमुख होते हैं और उनका प्रशासनिक, धार्मिक और राजनीतिक नियंत्रण होता है। उनका कार्य कैथोलिक धर्म की शिक्षा और मार्गदर्शन देना है। पोप के प्रमुख दायित्वों में दुनिया के नेताओं से मिलकर धार्मिक संवाद करना और शांति के लिए प्रयास करना शामिल है।
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  88 साल के पोप  सांस की समस्या से जूझ रहे थे,  उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था जिसके चलते उन्हें ख़ास इलाज की ज़रूरत थी। उन्हें बायलेटरल निमोनिया था जो एक प्रकार का फेफड़ों का संक्रमण होता है, जिसमेंदोनों फेफड़ों (left और right lungs) में सूजन और इंफेक्शन हो जाता है। यह स्थिति अक्सर ज्यादा गंभीर मानी जाती है और तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है।

 

बायलेटरल निमोनिया के कारण

 

-बैक्टीरिया(जैसे Streptococcus pneumoniae)

-वायरस (जैसेइन्फ्लुएंजा, कोविड-19) 

-फंगस 

-इम्युनिटी कमजोर होना (जैसे बुजुर्गों या शिशुओं में) 

एलर्जी या केमिकल एक्सपोजर

 


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vasudha

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