अपना पानी साथ लेकर शिमला जाएं घुमने, नहीं तो वहां पहुंचकर होगा पछतावा !

punjabkesari.in Tuesday, Jun 18, 2024 - 04:21 PM (IST)

शिमला को "पहाड़ों की रानी" कहा जाता है क्योंकि यह एक पहाड़ी शहर है जो हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है। गर्मियों में यहां भारी भीड़ देखने को मिलती है,  सैलानी यहां दूर-दूर से वादियों का आनंद उठाने पहुंचते हैं। अगर आप भी शिमला जाने का प्लान बना रहे हैं या तो रुक जाइए या फिर अपने साथ पानी लेकर जाइए। क्योंकि इस समय यह शहर पेयजल संकट का सामना कर रहा है।

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 हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गहरे जल संकट के बीच निवासियों को अब दो दिन छोड़कर हर चौथे दिन पानी मिलेगा। वैसे चौथे दिन भी पानी मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। अब तक शहर के अधिकांश इलाकों में हर तीसरे दिन पानी आ रहा था। गिरि जल परियोजना से आपूर्ति कम होने के कारण नया शेड्यूल बनाना पड़ रहा है। 

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 परेशान निवासी कार्यालय में फोन कर यह पूछ रहे हैं कि आखिर पानी कब आएगा। कुछ क्षेत्रों में हैंडपंप या कुओं की कमी है, जिससे लोगों को बाजार से पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जल कंपनी द्वारा एक सलाह जारी की गई है, जिसमें निवासियों से पानी का संरक्षण करने का आग्रह किया गया है क्योंकि बारिश शुरू होने तक स्थिति खराब हो सकती है।

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राज्य जल अधिकारियों की मानें तो शिमला को रोजाना 43 मिलियन प्रति लीटर पानी की जरूरत है लेकिन उसे केवल 30 एमएलडी पानी ही मिल पा रहा है। ऐसे में होटलों के मालिक पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी टैंकरों से पानी खरीद रहे हैं और प्रति टैंकर 2 हजार से 5000 रुपए के बीच भुगतान किया जाता है। 

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पेयजल कंपनी का कहना है कि जनसंख्या बढऩे से पानी ज्यादा खर्च होता है और यही कारण है कि पानी की भारी डिमांड है और जल स्तर घटने के कारण शहर को पानी कम मिल रहा है। इसका खामियाजा यहां घूमने आ रहे पर्यटकों को भी भुगतना पड़ रहा है।


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vasudha

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