आखिरी नवरात्रि का समापन क्यों होता है राम नवमी के साथ? जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 05:42 PM (IST)

नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की रामनवमी 30 मार्च के दिन यानि बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आखिरी नवरात्र का नाम भगवान श्रीराम के नाम पर ही क्यों पड़ा है। आइए आज आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही ये भी बताएंगे कि रामनवमी का पर्व इस बार खास क्यों है।  

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ऐसा कहते हैं कि भगवान राम का धरती पर जन्म इसी दिन हुआ था। भक्तों के दुख को दूर करने और दुष्टों का अंत करने के लिए श्रीराम त्रेता युग में इसी दिन पैदा हुए थे, यानि कि नवरात्र के नौवें दिन। श्रीराम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में पैदा हुए थे। भगवान राम के जन्म की इस तारीख का जिक्र रामयाण और रामचरित मान जैसे धर्मग्रंथों में भी किया गया है। श्री राम स्वंय भगवान विष्णु सातवां अवतार थे। भगवान राम और रावण के बीच युद्ध की कहानी भी नवरात्रि से जोड़कर देखी जाती है। ऐसा कहते हैं कि जिस वक्त श्री राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए युद्ध लड़ रहे थे। उस समय रावण पर विजय पाने के लिए भगवान श्री राम ने देवी दुर्गा का अनुष्ठान किया था। यह पूजा अनुष्ठान पूरे 9 दिनों तक चला था, जिसके बाद मां दुर्गा ने भगवान श्री राम के सामने प्रकट होकर उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया था। वहीं, दसवें दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर विजय हासिल की थी।

क्यों खास है इस बार की राम नवमी

इस बार नवमी तिथि पर बृहस्पतिवार और पुनर्वस नक्षत्र दोनों हैं। इसलिए रामनवमी पर श्रीराम के जन्म नक्षत्र का संयोग भी बन गया है। इस संयोग के कारण आपकी पूजा, उपसाना विशेष लाभकारी होगी। इस दिन की गई प्रार्थना निश्चित रूप से स्वीकृत होगी। इस शुभ दिन पर आप नए वस्त्र और नए रत्न धारण कर सकते हैं। इस महासंयोग पर आप दान करें तो और भी ज्यादा शुभ होगा।

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श्रीराम नवमी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मध्य दोपहर में भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए। श्री रामचरितमानस का पाठ करें या श्री राम के मंत्रों का जाप करें। जिन महिलाओं को संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो, ऐसी महिलाएं भगवान राम के बाल रूप की आराधन जरूर करें। श्री राम जी की पूजा- अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं। गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान करें। ज्योतिष एक्सपर्ट्स की मानें तो नवमी के दिन कर्क लग्न में भगवान राम का जन्म हुआ था। 30 मार्च को 12 बजकर 24 मिनट में कर्क लग्न लगेगा। उस वक्त बृहस्पति, बुध और सूर्य की स्थिति नौवें स्थान में होगी। इसके बाद का समय पूजा के लिए बेहद शुभकारी होगा। उस समय पूजा से भगवान राम का आशीर्वाद भक्तों को मिलेगा।
 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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