शिव भक्ति व उपासना का पवित्र महीना हो रहा है शुरू, इस तरह करें सावन माह की तैयारी

punjabkesari.in Monday, Jul 15, 2024 - 03:07 PM (IST)

सावन मास हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पवित्र महीना होता है, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और उपवास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन मास 22 जुलाई को शुरू होगा और 19 अगस्त को समाप्त होगा यह लगभग एक महीने तक चलता है और इसकी अवधि भारतीय कैलेंडर के अनुसार होती है। आज हम इस मास से जुड़ी कुछ परंपरा और नियम बताने जा रहे हैं जिसकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए।

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शिव पूजा: इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। लोग शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाते हैं।

उपवास: सावन सोमवार को व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। कई लोग पूरे सावन मास में प्रत्येक सोमवार को उपवास रखते हैं।

भजन और कीर्तन: इस महीने में शिव भजन, कीर्तन और धार्मिक गीत गाए जाते हैं।

साधना और ध्यान: इस महीने में साधना और ध्यान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए लाभकारी होता है।

पवित्रता:  शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना चाहिए। संयमित आहार, सात्विक भोजन और विचारों की पवित्रता पर ध्यान देना चाहिए।

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सावन व्रत के नियम

शुद्धता: व्रत रखने वाले व्यक्ति को शुद्धता का पालन करना चाहिए। स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।

शिव पूजा: सुबह और शाम को शिवलिंग की पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, चंदन, धतूरा, और फूल अर्पित करें।

उपवास: सावन सोमवार को उपवास रखें। फलाहार या दूध का सेवन कर सकते हैं। अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

मंत्र जप: "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें। यह मंत्र जप करने से मानसिक शांति और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।

भजन और कीर्तन: शिव भजन और कीर्तन में भाग लें। इससे मन में भक्ति और आनंद की अनुभूति होती है।

व्रत कथा: सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। इससे व्रत का महत्व और पुण्य फल मिलता है।

दान-पुण्य: इस महीने में दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें।

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निष्कर्ष

सावन मास भगवान शिव की उपासना और भक्ति का महीना है। इस महीने में की गई पूजा, व्रत, और धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है। सावन मास में शुद्धता, साधना, और शिव भक्ति से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है।


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vasudha

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