क्या विदेश में जाकर शादी करना जरुरी है? इस प्रश्न पर PM Modi ने दिया ये जवाब

punjabkesari.in Sunday, Nov 26, 2023 - 06:12 PM (IST)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 107वें एपिसोड को संबंधित किया है। इस दौरान उन्होंने आज के दिन हुए मुंबई हमले में जान गंवाने वाले लोगों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है। इसके अलावा पीएम ने देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं भी दी हैं। उन्होंने कहा कि - '26 नवंबर का दिन हम कभी भी नहीं भूल सकते। आज ही के दिन देश पर सबसे खतरनाक आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने मुंबई को पूरे देश को थर्रा कर रख दिया था लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम लोग उस हमसे से उबरे हैं और अब पूरे हौंसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं।' इसके अलावा इस दौरान पीएम ने विदेशों में जाकर शादियों पर भी बात की। 

विदेशों में जाकर शादी करने पर ये बोले मोदी 

वहीं पीएम मोदी ने विदेशों में जाकर शादियों करने के बढ़ते रिवार पर भी लोगों से सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि - 'इन दिनों कुछ परिवारों में विदेश में जाकर शादियां करने का वातावरण बनता जा रहा है। ये जरुरी है क्या? भारत की मिट्टी में भारत के लोगों के बीच यदि हम शादी ब्याह करेंगे तो देश का पैसा देश में ही रहेगा। देश के लोगों को आपकी शादी में कुछ न कुछ सेवा करने का अवसर भी मिलेगा। छोटे-छोटे गरीब लोग भी अपने बच्चों को आपकी शादी के बारे में बताएंगे।' 

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भारत में हो सकता है इतने करोड़ों का कारोबार 

पीएम मोदी ने कहा कि- 'भारतीय उत्पादों के प्रति यह भावना केवल त्योहारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। अभी शादियों का मौसम भी शुरु हो चुका है। कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है कि इस सीजन में करीब 5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार भी हो सकता है। शादियों से जुड़ी खरीददारी में भी आप सभी भारत में बने उत्पादों को ही महत्व दें और हां जब शादी की बात निकली है तो तो एक बात मुझे लंबे अरसे से कभी-कभी बहुत ही पीड़ा देती हूं और मेरे मन की पीड़ा मैं मेरे परिवार जनों को नहीं कहूंगा तो किसको कहूंगा?'

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वोकल फॉर लोकल का रखें ध्यान 

इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि - 'आप सिर्फ वोकल फॉर लोकल के इस मिशन को विस्तार दे सकते हैं क्यों न हम शादी ब्याह ऐसे समारोह अपने देश में ही करें? हो सकता है आपको चाहिए वैसी व्यस्था आज नहीं होगी लेकिन अगर हम इस प्रकार के आयोजन करेंगे तो व्यवस्थाएं भी विकसित होंगी। ये बहुत बड़े परिवारों से जुड़ा हुआ विषय है मैं आशा करता हूं मेरी ये पीड़ा उन बड़े-बड़े परिवारों तक परिवारों तक जरुर पहुंचेगी।' 

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palak

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