Parents की बचपन में की अनदेखी बेटी को देती जीवनभर की बीमारी, समय पर गौर करना जरूरी
punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 03:40 PM (IST)

नारी डेस्क: आज के समय में लड़कियों में PCOD (Polycystic Ovary Disease) की समस्या बहुत आम हो गई है। इसके पीछे सिर्फ हार्मोनल बदलाव या अनुवांशिक कारण ही नहीं हैं, बल्कि माता-पिता की कुछ आम लेकिन गंभीर परवरिश से जुड़ी गलतियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर माता-पिता बचपन से बेटियों को मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से संतुलित माहौल दें, तो उनकी सेहत पर सकारात्मक असर पड़ता है और वे भविष्य में PCOD जैसी समस्याओं से काफी हद तक बच सकती हैं। नीचे जानिए वो पांच अहम गलतियां जो परवरिश में आमतौर पर हो जाती हैं, और कैसे ये PCOD को जन्म दे सकती हैं।
गलत खान-पान की आदतों को बढ़ावा देना
अक्सर माता-पिता प्यार में बेटियों को जंक फूड, मीठा, पैकेज्ड स्नैक्स खाने की छूट दे देते हैं। लगातार ऐसा खाना खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापा बढ़ता है, जो कि PCOD की मुख्य वजहों में से एक है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी
आज की बच्चियां पढ़ाई, मोबाइल और टीवी में उलझी रहती हैं। अगर माता-पिता खेलने-कूदने या फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा नहीं देते, तो इससे वजन और हार्मोनल असंतुलन की समस्या होती है। इससे भी PCOD का खतरा बढ़ता है।
भावनात्मक सपोर्ट की कमी
किशोरावस्था में अगर माता-पिता बेटियों की बातों को समझने के बजाय ताने देते हैं या उन्हें नजरअंदाज करते हैं, तो यह उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है। तनाव हार्मोन असंतुलन का सबसे बड़ा कारण बनता है।जब माता-पिता बेटियों के चेहरे, शरीर या वजन पर टोकते हैं, तो इसका असर उनकी सेल्फ-इमेज और आत्मविश्वास पर पड़ता है। यह मानसिक तनाव और PCOD की स्थिति को और खराब कर सकता है।
फैमिली हिस्ट्री को नज़रअंदाज़ करना
अगर परिवार में किसी महिला को PCOD है, तो बेटी में भी इसका खतरा ज्यादा होता है। माता-पिता को चाहिए कि समय रहते इसकी जांच करवाएं और जरूरी सावधानियां बरतें।
PCOD से बचाव: माता-पिता के लिए सरल गाइड
इंसुलिन रेजिस्टेंस को समझें: PCOD से जुड़ी एक बड़ी समस्या है इंसुलिन रेजिस्टेंस। इससे शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता है और अंडाशय में टेस्टोस्टेरोन अधिक बनने लगता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इसका इलाज समय रहते संतुलित आहार और एक्सरसाइज से किया जा सकता है।
हार्मोनल संतुलन बनाए रखें: PCOD में हार्मोन जैसे LH, SHBG और प्रोलैक्टिन असंतुलित हो जाते हैं। माता-पिता को बेटियों की नियमित स्वास्थ्य जांच, पूरा आराम, और पौष्टिक भोजन पर ध्यान देना चाहिए। योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद हार्मोनल संतुलन में मदद करते हैं।
PCOD सिर्फ एक शारीरिक बीमारी नहीं है, यह पारिवारिक माहौल और परवरिश से भी जुड़ी हुई है। माता-पिता अगर शुरुआत से ही बेटियों को सकारात्मक माहौल, सही खानपान, नियमित गतिविधि और भावनात्मक सहयोग दें, तो वे भविष्य में इस समस्या से काफी हद तक बच सकती हैं।
बेटियों को सिर्फ पढ़ाई या करियर में ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन में भी सपोर्ट देना माता-पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। थोड़ी सी समझदारी और जागरूकता से आप अपनी बेटी को एक स्वस्थ जीवन दे सकते हैं।