Pankaj Dheer: ''महाभारत'' के कर्ण को भगवान मानते थे लोग, मंदिरों में होती है उनकी पूजा
punjabkesari.in Wednesday, Oct 15, 2025 - 05:54 PM (IST)

नारी डेस्क: बीआर चोपड़ा की महाभारत अब तक के सबसे लोकप्रिय टीवी शोज़ में से एक है। महाभारत के हर किरदार को दर्शकों का अपार प्यार मिला है, लेकिन पंकज धीर, जो कैंसर से जंग हार गए उनके साथ प्रशंसकों का हमेशा एक ख़ास जुड़ाव रहा है। बीआर चोपड़ा की महाभारत में, पंकज धीर ने कुंती के पुत्र और पांडवों के सबसे बड़े भाई कर्ण की भूमिका निभाई थी। दिवंगत अभिनेता अपने वीर योद्धा के किरदार के लिए इतने लोकप्रिय हुए कि लोग उन्हें भगवान की तरह पूजने लगे।
पंकज धीर बताते हैं कि उनके ज़्यादातर दृश्य दुर्योधन और शकुनि के साथ थे, जो नाटकीय किरदार थे। उनके बीच अपनी उपस्थिति बनाए रखना काफ़ी मुश्किल था। बहरहाल, महाभारत के कर्ण, पंकज धीर इस बात से खुश थे कि वे दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे, इतना कि कर्ण पर आधारित कई किताबों में उनकी तस्वीर एक वीर योद्धा के रूप में प्रकाशित होती है। देश में कर्ण की पूजा करने वाले दो मंदिर हैं, करनाल और बस्तर। पंकज धीर ने एक बार बताया था कि जब भी वे इन जगहों पर जाते हैं, लोग उनका प्यार और भक्ति से स्वागत करते हैं। इसके अलावा, यहां पंकज धीर की 8 फुट ऊंची मूर्ति भी स्थापित है और लोग उसकी पूजा भी करते हैं।
पंकज धीर ने एक बार कहा था कि बीआर चोपड़ा की महाभारत में कर्ण की भूमिका निभाने के बाद, उन्हें दूसरे शोज़ में भी यही भूमिका निभाने के कई प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि बात पैसों की नहीं है, क्योंकि वे इसे वैसे भी कमा सकते थे, बल्कि बात उस प्यार और विश्वास की है जो लोग महाभारत के इस कर्ण को देते हैं। अगर वे कहीं और कर्ण की भूमिका निभाते, तो यह दर्शकों की भावनाओं के साथ अन्याय होता।
एक बार एक्टर ने बताया कि- उस दौर की बात है जब शो में कर्ण के किरदार की मौत हो गई और दौरान मध्य प्रदेश के सीएम ने बी आर चोपड़ा साहब को फोन किया और मुझे बस्तर जिले में आने को कहा, जब मैं वहां पहुंचे तो वहां पर कम से कम पांच-सात हजार आदमी साष्टांग नमस्कार करते हुए मेरे आगे जमीन पर लेट गए, सभी ने अपने बाल काट लिए थे, क्योंकि उनके हिसाब से कर्ण मर गया’। इतना ही नहीं उन लोगों ने एक्टर को चांदी से तौला गया।