दुर्गा पूजा में दिखा ऐसा पंडाल, जो बच्चों को मोबाइल लत से बचाने का दे रहा संदेश!

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 01:29 PM (IST)

नारी डेस्क:  कोलकाता और पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा पंडालों की खासियत यही होती है कि यहां सिर्फ मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा ही नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दों को भी बेहद रचनात्मक अंदाज में दिखाया जाता है। इस बार एक ऐसा ही पंडाल चर्चा में है, जहां बच्चों को मोबाइल फोन की लत से दूर रहने का अनोखा संदेश दिया जा रहा है।

पंडाल का अनोखा कॉन्सेप्ट

इस पंडाल में दिखाया गया है कि जैसे ही बच्चे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही भूत उन्हें पकड़ लेते हैं। असल में यह दृश्य समाज को यह बताने के लिए है कि मोबाइल एडिक्शन बच्चों को धीरे-धीरे अपने कब्जे में ले रहा है, जैसे कोई बुरी ताकत पकड़ ले। पंडाल में अलग-अलग झांकियों के जरिए दिखाया गया है कि मोबाइल पर डूबे रहने वाले बच्चे किताबों और खेलों से दूर हो रहे हैं। यहां तक कि माता-पिता को भी सचेत किया गया है कि वे बच्चों को मोबाइल फोन देने से पहले इसकी हानियों पर ध्यान दें।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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बच्चों और मोबाइल की लत 

आजकल छोटे बच्चे घंटों मोबाइल पर गेम खेलते रहते हैं या वीडियो देखते रहते हैं। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5 से 15 साल के 35% बच्चे रोज़ाना 3 से ज्यादा घंटे मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। यह न केवल उनकी पढ़ाई को प्रभावित करता है, बल्कि नींद की समस्या, आंखों की रोशनी कम होना, मोटापा और मानसिक तनाव जैसी बीमारियां भी बढ़ा रहा है। इसी गंभीर समस्या पर ध्यान दिलाने के लिए इस बार दुर्गा पूजा के आयोजकों ने बेहद क्रिएटिव तरीका अपनाया है।

 माता-पिता को दिया खास संदेश

विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों में मोबाइल एडिक्शन को रोकने का सबसे आसान तरीका है – डिजिटल डाइट। बच्चों को मोबाइल केवल पढ़ाई या जरूरी काम के लिए ही दें। रोज़ाना स्क्रीन टाइम 1-2 घंटे से ज्यादा न होने दें। उन्हें आउटडोर गेम्स, आर्ट्स और किताबों की ओर आकर्षित करें। माता-पिता खुद भी बच्चों के सामने लंबे समय तक मोबाइल इस्तेमाल करने से बचें।

दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहार में समाज के सामने किसी मुद्दे को कलात्मक तरीके से पेश करना, लोगों के दिलों और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ता है। यह पंडाल सिर्फ श्रद्धा और भक्ति का ही केंद्र नहीं है, बल्कि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का भी संदेश दे रहा है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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