जो 200 साल में नहीं हुआ वो इस करवा चौथ में होगा, व्रत और पूजा का मिलेगा दोगुना फल
punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 08:55 AM (IST)

नारी डेस्क: करवा चौथ का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस बार करवाचौथ पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो 200 साल से कभी ऐसा नहीं हुआ जो इस बार होने जा रहा है। इसलिए इस बार का करवा चाैथ बेहद ही खास माना जा रहा है।

व्रत का मिलेगा पूर्ण फल
करवा चौथ की तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर, रात 10 बजकर 54 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 10 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 37 मिनट पर होगा। ज्योतिष गणना के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर सिद्ध योग और शिववास योग जैसे अत्यंत शुभ योगों का निर्वाह हो रहा है। सिद्धि योग और शिववास योग करवा चौथ पर पूरे 200 साल बाद एक साथ बन रहे हैं । माना जा रहा है की करवाचौथ के दिन सिद्धि योग में व्रत रखने और पूजा करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता।
भगवान शिव और माता पार्वती का मिलेगाआशीर्वाद
शिववास योग में पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है. करवाचौथ के दिन ये संयोग सुहागिनों के वैवाहिक जीवन में सुख शांति बढ़ाएगा। इस दिन सुहागन महिलाएं धन-सम्पदा की देवी लक्ष्मी की पूजा करें। दीपक जलाएं, लाल फूल चढ़ाएं, और मसूर या चावल आदि अन्न चढ़ाएं। इस दिन की माने तो गरीबों को अनाज, कपड़े या पैसों का दान करना श्रेष्ठ फलों में है। इससे पुण्य मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा बनती है।

पूजा की समयावधि
सूर्योदय से पूर्व या मध्याह्न काल (जब सूर्य अधिक ऊँचाई पर न हो) शुभ माना जाता है। संध्या समयभी अच्छा समय है, खासकर दीपक जलाने और आरती करने का। इस दिन घर के मुख्य मंदिर या पूजा स्थान में उत्तर या पूर्व दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इस योग में पूजा-पाठ करने से व्रती को दोगुना फल प्राप्त होगा।