बचपन में दो में से एक बच्चे की टूटती है हड्डी !   छोटे बच्चों की चोट को ना करें नजरअंदाज

punjabkesari.in Tuesday, Dec 20, 2022 - 10:24 AM (IST)

बचपन में हड्डियां टूटना महज छोटी-मोटी समस्या नहीं है। यह भविष्य में फ्रैक्चर के जोखिम और ऑस्टियोपोरोसिस का चेतावनी संकेत हो सकता है। हड्डी टूटने का इतिहास भविष्य के फ्रैक्चर के सबसे मजबूत अनुमानों में से एक है, फिर भी ऑस्टियोपोरोसिस जोखिम को निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मौजूदा दिशानिर्देश बचपन के फ्रैक्चर को अनदेखा करते हैं। अध्ययन में मध्यम आयु वर्ग के लोगों के समूह में फ्रैक्चर के इतिहास की जांच की गई। ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी का एक रोग है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस में अस्थि खनिज घनत्व (बीएमडी) कम हो जाता है। 

 

 हड्डियां टूटने के होते हैं ये कारण

अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की बचपन में एक से अधिक बार हड्डी टूटी, उनमें वयस्क के रूप में हड्डियां टूटने की आशंका दोगुनी से अधिक थी। महिलाओं में, इसके परिणामस्वरूप 45 वर्ष की आयु में कूल्हे की हड्डी का घनत्व कम हो गया। बचपन के फ्रैक्चर ऑस्टियोपोरोसिस जोखिम का पूर्वानुमान व्यक्त करते हैं। लगभग दो में से एक बच्चे की हड्डी बचपन में टूट जाती है, जिनमें लगभग एक चौथाई लड़के और 15 प्रतिशत लड़कियां कई फ्रैक्चर से पीड़ित होते हैं। लेकिन हम वर्तमान में पूरी तरह से नहीं समझ पाए हैं कि क्यों कुछ बच्चों की बार-बार हड्डियां टूटती हैं या क्या इससे वयस्क होने पर हड्डियों की सेहत का अनुमान लगाया जा सकता है। बच्चों की हड्डियां टूटने के कई कारण होते हैं। 

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बचपन में टूट जाती है हड्डी

पिछले शोधों से पता चला है कि फ्रैक्चर वाले बच्चे गरीब घरों में रहते हैं, कठिन काम करते हैं, विटामिन डी की कमी से ग्रस्त होते हैं, कम कैल्शियम वाले भोजन का सेवन करते हैं या शारीरिक दुर्व्यवहार का सामना करते हैं। जिन बच्चों को बार-बार फ्रैक्चर होता है, उनमें विशेषकर शरीर का ढांचा भी नाजुक हो सकता है, ‘‘दुर्घटना'' के प्रति ज्यादा ज्यादा जोखिम रहता है, या खेल तथा शारीरिक गतिविधि के दौरान उनकी हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है। लेकिन एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या हड्डियां टूटने की समस्या से पीड़ित बच्चों के बढ़ने के दौरान हड्डियों की ताकत में अस्थायी कमी आती है, या क्या ये कमजोरियां वयस्क होने पर भी जारी रहती हैं। ‘डुनेडिन स्टडी' के तहत अप्रैल 1972 और मार्च 1973 के बीच ओटेपोटी डुनेडिन में पैदा हुए एक हजार शिशुओं के विकास पर नजर रखी गई। 

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शरीर का ढांचा नाजुक होने से होता है फ्रैक्चर 

अध्ययन में शामिल सदस्यों का हर कुछ वर्षों में कई बार मूल्यांकन किया गया, जिसमें जोखिम लेने वाले व्यवहार, खेल में भागीदारी सहित, शारीरिक दुर्व्यवहार समेत कई विषय शामिल हैं। अध्ययन के तहत जब वे बच्चे थे, तब से उनसे कई बार चोटों के बारे में पूछा गया। इसका मतलब है कि हम मध्य आयु में उनके मेडिकल फ्रैक्चर के इतिहास की तुलना बचपन से उनकी यादों से कर सकते हैं। अध्ययन में पाया गया कि जिन लड़कों और लड़कियों को बचपन में एक से अधिक फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा, वयस्क होने पर उनमें फ्रैक्चर होने की आशंका दोगुनी से अधिक थी। साथ ही, जो लोग बचपन में चोटिल नहीं हुए वे वयस्क होने पर भी इससे मुक्त रहे। इस अध्ययन के जरिए पुरुषों और महिलाओं दोनों में वयस्क होने पर फ्रैक्चर के बढ़ते जोखिम को प्रदर्शित किया गया। हालांकि, ऐसा क्यों है यह स्पष्ट नहीं है। लगातार जोखिम अन्य व्यवहार संबंधी कारकों से जुड़ा नहीं था, जैसे जनसांख्यिकी, मोटापा, बचपन में दुर्व्यवहार या खेल में भागीदारी। 

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यह क्यों मायने रखता है

हालांकि, हम वयस्क होने पर फ्रैक्चर के इस बढ़ते जोखिम के लिए सटीक तंत्र नहीं जानते हैं, लेकिन परिणामों का इस्तेमाल जोखिम वाले लोगों के लिए जागरूकता बढ़ाने में किया जा सकता है। बचपन में बार-बार चोटिल होने वाले बच्चों के अभिभावकों को उम्र के साथ हड्डियों की कमजोरी से रोकने के विभिन्न तरीकों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। वजन संबंधी व्यवहार परिवर्तन, कैल्शियम और विटामिन डी का अधिक सेवन और प्रोटीन और डेयरी उत्पादों की खपत ऐसे लाभकारी उपाय हैं, जिन्हें जीवन में कभी भी शुरू किया जा सकता है और बरकरार रखा जा सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस मध्य आयु के बाद वयस्कों को प्रभावित करता है। हम उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों की इस विशेष आबादी में बचपन के फ्रैक्चर और वयस्क होने पर हड्डियों की सेहत के बीच संबंधों की जांच जारी रखने की उम्मीद करते हैं, यह पता लगाने के लिए कि क्या ये संबंध महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद भी बने रहते हैं या पुरुषों में आजीवन जोखिम को प्रभावित करते हैं।


(किम मेरेडिथ-जोन्स, सीनियर रिसर्च फेलो, ओटागो विश्वविद्यालय)
 


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vasudha

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