पैरों की मामूली दिक्कतें हो सकती हैं हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षण, बिल्कुल न करें नजरअंदाज
punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 11:38 AM (IST)

नारी डेस्क: कभी-कभी ऐसा होता है कि पैरों में भारीपन महसूस होता है या जूते तंग लगने लगते हैं। ऐसा अगर कभी-कभार हो तो चिंता की बात नहीं होती। लेकिन अगर ये परेशानी लगातार बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। क्योंकि ये दिल से जुड़ी बीमारियों का शुरुआती संकेत भी हो सकता है। इस बारे में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर बताते है कि दिल की बीमारी के कारण पैरों में कौन-कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं, इनके कारण क्या हो सकते हैं और कैसे इनसे बचा जा सकता है।
जब दिल कमजोर होता है तो शरीर पर क्या असर होता है?
अगर आपके दिल में कोई परेशानी है या दिल ठीक से काम नहीं कर रहा है तो शरीर के सभी हिस्सों में खून ठीक से नहीं पहुंच पाता। खासकर, पैरों और टखनों में खून का बहाव कम हो जाता है जिससे वहां सूजन, भारीपन या दर्द जैसा महसूस हो सकता है। हालांकि ये लक्षण किडनी की बीमारी या जोड़ों की समस्या से भी हो सकते हैं लेकिन अगर इनके साथ सांस फूलना, थकावट, या हृदय से जुड़ी कोई और दिक्कत भी हो रही हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
हार्ट की कमजोरी में पैरों में दिखने वाले लक्षण
दिल कमजोर होने पर सिर्फ सूजन ही नहीं, और भी कई संकेत मिलते हैं
हल्की सी मेहनत करने पर या सीढ़ियां चढ़ने पर पैरों में दर्द होना
चलते समय सांस फूलना
बिना कोई भारी काम किए ही थकान महसूस होना
जूते जो पहले ठीक से आते थे, अब तंग लगने लगते हैं
टखनों, पंजों या पैरों में लगातार सूजन बनी रहना
ये सब लक्षण फ्लूइड रिटेंशन यानी शरीर में पानी जमा होने के संकेत हो सकते हैं। यह इसलिए होता है क्योंकि दिल की पंपिंग क्षमता (Ejection Fraction) कम हो जाती है। अगर आपको पहले से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या थायरॉइड जैसी बीमारियां हैं तो इन लक्षणों को बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करें।
दिल कमजोर क्यों होता है?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा होना
मोटापा
हाई ब्लड प्रेशर (BP)
डायबिटीज
नींद की कमी या तनाव
परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास होना
इन सभी कारणों की वजह से धीरे-धीरे दिल की कार्यक्षमता घटने लगती है और शरीर में ब्लड फ्लो भी प्रभावित होता है।
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अगर लक्षण दिखें तो क्या करें?
अगर हार्ट से जुड़ा कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। खुद से कोई इलाज ना करें।
इन बातों का ध्यान रखें: कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। जरूरी जांच कराएं, जैसे ईसीजी, ईको, ब्लड टेस्ट आदि। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें। अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें। धूम्रपान और शराब से बचें
दिल की बीमारी से कैसे बचाव करें?
खानपान में सुधार करें: हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज शामिल करें। कम फैट वाला दूध, मछली, सूखे मेवे खाएं। तले हुए और ज्यादा नमक वाले खाने से बचें
रोजाना व्यायाम करें: हर दिन कम से कम 30 मिनट तक तेज चाल में चलें। चाहें तो योग या प्राणायाम भी कर सकते हैं
पैरों की सूजन से राहत कैसे पाएं?
हल्के गर्म पानी से सिकाई करें
लेटते समय पैरों को ऊंचा रखकर आराम करें
लंबे समय तक एक ही पोजीशन में खड़े या बैठे न रहें
पैरों में भारीपन, सूजन या थकान जैसे लक्षण अगर बार-बार हो रहे हैं और आपको पहले से कोई दिल, शुगर या बीपी की बीमारी है तो इसे हल्के में न लें। समय रहते सही जांच और इलाज से हार्ट की बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।