90 घंटे काम करने की पॉलिसी पर आनंद महिंद्रा बोले- क्वालिटी जरूरी, क्वांटिटी नहीं, दीपिका ने भी उठाई आवाज

punjabkesari.in Saturday, Jan 11, 2025 - 06:45 PM (IST)

नारी डेस्क: " आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं" यह कहना है महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का जिन्होंने हाल ही में  वर्क लाइफ बैलेस पर खुलकर बात की है। उन्होंने देश के शीर्ष कॉर्पोरेट नेताओं द्वारा शुरू किए गए कार्य-घंटे संतुलन पर चल रही बहस को लेकर कहा- वह काम की गुणवत्ता में विश्वास करते हैं, न कि मात्रा में, यही ‘विकसित भारत’ लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी है। 

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काम की गुणवत्ता पर दें ध्यान : आनंद महिंद्रा 


राष्ट्रीय राजधानी में ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025’ कार्यक्रम में बोलते हुए, महिंद्रा ने खचाखच भरे सदन में कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है। उन्होंने युवाओं से कहा- "मैं नारायण मूर्ति (इंफोसिस के संस्थापक) और अन्य लोगों का बहुत सम्मान करता हूं। इसलिए मैं इसे गलत नहीं समझूंगा। " मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, काम की मात्रा पर नहीं। इसलिए यह 48, 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे के बारे में नहीं है।" उन्होंने कहा कि " यह काम के आउटपुट पर निर्भर करता है। अगर यह 10 घंटे भी है तो आप क्या आउटपुट दे रहे हैं? आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं।"

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क्यों छिड़ी काम को लेकर बहस

जब आनंद महिंद्रा से पूछा गया कि वे काम पर कितने घंटे लगाते हैं, तो उन्होंने कहा- “मैं नहीं चाहता कि यह समय के बारे में हो। मैं नहीं चाहता कि यह मात्रा के बारे में हो। मुझसे पूछें कि मेरे काम की गुणवत्ता क्या है। इस सप्ताह कार्य-जीवन संतुलन पर विवाद तब शुरू हुआ जब एलएंडटी के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने कर्मचारियों को रविवार सहित सप्ताह में 90 घंटे काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अगर संभव हुआ तो कंपनी आपसे रविवार को भी काम करवाएगी। सुब्रह्मण्यन के इस बयान के बाद वर्क-लाइफ बैलेंस पर चल रही बहस को बढ़ावा मिला।

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दीपिका पादुकोण ने किया था सुब्रह्मण्यन के बयान का विरोध

 बॉलीवुड सुपरस्टार दीपिका पादुकोण से लेकर आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका तक, शीर्ष हस्तियों ने सुब्रह्मण्यन की टिप्पणी की निंदा की थी। एक्ट्रेस ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर करते हुए लिखा-  “एक ऐसा आदमी, जो इतने बड़े पद पर बैठा है, उसका इस तरह का बयान देना काफी हैरान करने वाला है.” दीपिका ने अपने इस पोस्ट में एक हैशटैग भी इस्तेमाल किया है, जो कि #metalhealthmatters है। 

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6 दिन वर्किंग वीक के खिलाफ हैं नारायण मूर्ति 

 इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के हफ्ते में 70 घंटे काम करने के सुझाव के बाद यह बहस और बढ़ गई।  उन्होंने कहा था, 'इंफोसिस में मैंने कहा था, हम दुनिया के टॉप कंपनियों के साथ अपनी तुलना करेंगे। मैं तो आपको बता सकता हूं कि हम भारतीयों के पास करने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने यह भी कहा कि वह 1986 में भारत के 6 दिन वर्किंग वीक से 5 दिन वीक के बदलाव से निराश थे। भारत के विकास के लिए त्याग की आवश्यकता है, न कि आराम की।


 


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vasudha

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