जब ओमपुरी की पहली पत्नी ने बेवफाई पर बयां किया था दर्द, 'मैंने कबर्ड में उसके अंडरगार्मेंट्स देखे थे
punjabkesari.in Wednesday, Jun 23, 2021 - 05:39 PM (IST)
बाॅलीवुड इंडस्ट्री एक ऐसी दुनिया हैं जहां 'पति, पत्नी और वो' जैसे अकसर केस देखने को मिलते हैं। हाल ही में टीवी इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर करण मेहरा का घेरलू हिंसा मामला सामने आया था, जिसमें उनकी पत्नी निशा रावल ने कहा था कि करण का किसी और महिला से संबंध है जिस वजह से हम सेप्रेट हो रहे हैं। इसी तरह कई ऐसे मामले हैं जो आए दिन देखने को मिलते हैं।
इसी तरह हाल ही में बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर ओम पुरी की पहली पत्नी ने एक बार अपने साथ हुई बेवफाई का जिक्र करते हुए अपना दर्द बयां किया था।
शादी के एक साल बाद ही ओम की जिंदगी में आ गई थी लड़की-
दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान ओम पुरी की एक्स-वाइफ सीमा कपूर ने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई राज खोले। उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि ओम की जिंदगी में नंदिता यानि कि दूसरी पत्नी तब आई जब हमारी शादी को महज एक साल ही हुआ था। वह उनसे कोलकाता में एक इंटरव्यू के लिए मिली थी, इसके बाद मुझे पता चला कि वह उनके साथ होटल के कमरे में रह रही है। पहले पहले तो मुझे लगा कि ये बस ऐसे ही है, लेकिन मैं उस समय गलत थी।
ओम के कबर्ड में उसके अंडरगार्मेंट्स भी मिले थे-
सीमा ने बताया कि शादी से तीन महीने पहले ही मेरे पिता का देहांत हो गया था जिसके बाद मेरी मां अकेली रहा करती थीं और अक्सर मैं उनसे मिलने झलावर (राजस्थान) जाया करती थी। इसी का फायदा उठा कर मेरी गैर मौजूदगी में नंदिता, ओम के साथ रहने आया करती थी। मैंने घर में उसके कई खत देखे थे और यहां तक कि मुझे ओम के कबर्ड में उसके अंडरगार्मेंट्स भी मिले थे। यह सब देखकर मैं इतनी ज्यादा अप्सेट हो गई थी कि मैं ओम को छोड़ कर अपनी मां के साथ रहने चली गई। उसी दौरान मैं प्रेग्नेंट भी थी लेकिन अंदर से मैं इतनी टूट चुकी थी कि मैंने अपना बच्चा भी खो दिया।
बच्चा खोने के कुछ दिन बाद ही ओम ने मुझे तलाक के पेपर्स भेज दिए-
सीमा ने अपने इंटरव्यू में बताया था, जब मैंने अपने बच्चे को खोया, उसके कुछ बाद ही ओम ने मुझे तलाक के पेपर्स भेज दिए थे। मेरे भाई बहुत गुस्से में थे, लेकिन मैंने उनसे कहा जाने दो। अगर ओम के दिल में मेरे लिए कोई जगह नहीं है, तो उनके घर में जगह होने का क्या मतलब है? इस दौरान सीमा समझ चुकी थीं कि ऐसे रिश्ते में रहने का कोई मतलब नहीं, जहां उनका कोई महत्व न हो।