देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाएं पीले चावल, खुल जाएंगे भाग्य के द्वार
punjabkesari.in Friday, Oct 08, 2021 - 11:36 AM (IST)
हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी धार्मिक काम के लिए चावलों का होना बेहद जरूरी होता है। पूजा या हवन सामग्री में चावलों का बहुत महत्व होता है। लेकिन यह बात बेहद कम लोग जानते होंगे कि पीले चावल चढ़ाने से देवी-देवता काफी प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बहुत ही जल्द मिलती है। यानी कि जब भी आप पूजा करें तो पूजन से पहले देवी-देवता को आमंत्रित करने के लिए पीले चावलों का उपयोग करें।
चावलों को ऐसे करें पीला
- थोड़ी-सी हल्दी लेकर इसमें थोड़ा पानी डालें
- गीली हल्दी में चावल के 21 या मुट्ठी भर दाने डालें।
- चावल का दाना टूटा हुआ न हो इस बात का ध्यान रखें।
- चावलों को अच्छे से हल्दी में रंग लें।
- इसके बाद इन्हे सुखा लें।
- पीले हो चुके चावलों का उपयोग पूजा में करें
पीले चावल के लाभ
पीले चावलों के उपयोग से भगवान जरूर आते हैं और उनकी कृपा से सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
किसी भी देवी-देवता के आह्वान के लिए चावल को पीला किया जाता है। धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए ज्योतिष में चावल के उपाय बताए गए हैं।
पूजा में चावल का उपयोग करने के बाद बचे हुए चावलों को सोमवार के दिन किसी गरीब को दे दें या मंदिर में दान कर दें। कुछ सोमवार तक ये उपाय करने से आर्थिक स्थिति में सुधार नजर आने लगेगा।
सुबह स्नान कर लाल कपड़े में पीले चावल के 21 अखंडित दाने रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी की पूरी विधि-विधान से पूजा करने के बाद इसे अपने पर्स में रख लें। इससे आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होने लगती है।
बने-बनाये कार्य अटक रहे हैं तो आप चावल की पीले रंग की खीर बनाकर उसे रोटी के साथ अमावस्या के दिन कौओं को खिला दें। ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा। और आपके रुके हुए कार्य आसानी से पूर्ण हो जाएंगे।
अगर आपकी शादी में किसी भी प्रकार की रूकावट आ रही हो तो आप गुरुवार का व्रत रखें साथ ही उस दिन पीला चावल का भोग लगाएं। आपकी सभी समस्या दूर हो जाएगी।
अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो तो आप विधिपूर्वक मुट्ठीभर चावल दान में लेकर नवरात्रि के तीसरे दिन कन्याओं को केसरिया चावल दान में दें या उसकी खीर बनाकर नवरात्रि में कन्याओं खिला दें। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होगी।
चावल मां अन्नपूर्णा का ही अंश माना जाता है। जो व्यक्ति भगवान को ये अर्पित करता है स्वयं उसके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। उसके जीवन में समृद्धि आती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, चावल बहुत पूजनीय होता है। इसे अक्षत भी कहा जाता है और अक्षत का अर्थ होता हा अखंडित। तिलक लगाने के बाद चावल लगाया जाता है। बताया जाता है कि ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। चावल का संबंध चंद्रमा से भी माना जाता है और ज्योतिष के इन उपायों को आजमाकर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। जिससे वह शुभ फल देने लगते हैं और जीवन में धीरे-धीरे सभी समस्याओं का अंत हो जाता है