अब 2 शादी की तो खैर नहीं! इस राज्य सरकार का कड़ा आदेश, अंजाम जान दंग रह जाएंगे
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 04:27 PM (IST)
नारी डेस्क: शादी एक ऐसा रिश्ता है जिसे समाज और कानून दोनों गंभीरता से देखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब कुछ राज्यों में एक से अधिक शादी करना पूरी तरह अवैध हो गया है? हाल ही में इस दिशा में राज्य सरकार ने कड़ा आदेश जारी किया है, और इसके उल्लंघन का अंजाम इतना सख्त है कि सुनकर आप दंग रह जाएंगे। इस कानून का उद्देश्य सिर्फ नियम बनाना नहीं, बल्कि पारिवारिक संबंधों में समानता और सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है। आइए जानते हैं कि इस नए कानून से शादी और रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा। इस कानून की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होगा। इसका मतलब है कि असम में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग भी अब धार्मिक कानून के बावजूद एक से अधिक शादियां नहीं कर सकेंगे। इस कदम को समाज में समानता और महिलाओं के अधिकार की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
नए विधेयक में सख्त सज़ा और दंड
असम सरकार ने बहुविवाह को रोकने के लिए कड़े प्रावधान बनाए हैं। अब जो व्यक्ति पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करेगा, उसके लिए सात साल तक जेल और जुर्माना का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति पहली शादी को छिपाकर दूसरी शादी करता है, तो उसके लिए दस साल तक की सज़ा और भारी जुर्माना तय किया गया है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति इस कृत्य को बार-बार दोहराता है, तो सज़ा दोगुनी की जा सकती है। विधेयक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई गाँव के मुखिया, काजी, पुजारी, अभिभावक या अन्य कोई व्यक्ति बहुविवाह को छिपाने या बढ़ावा देने में दोषी पाया जाता है, तो उसे भी दो साल तक जेल और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रावधान का उद्देश्य केवल बहुविवाह रोकना नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता बढ़ाना और इस तरह की गलत प्रथाओं में शामिल होने वाले सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराना भी है।
जल्द ही असम में अब से बहुविवाह बंद होने वाली है।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 27, 2025
एक से ज्यादा शादी करने पर 7 साल तक के लिए सरकारी मेहमान बनना पर सकता हैं। pic.twitter.com/FJOdmTdl5c
सरकारी लाभ और नौकरी से वंचित
इस कानून के लागू होने के बाद, बहुविवाह करने वाले व्यक्ति सरकारी सुविधाओं और अवसरों से वंचित होंगे। ऐसे व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं रहेंगे और उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, उन्हें भविष्य में किसी भी चुनाव में भाग लेने का अधिकार भी नहीं होगा। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करता है कि बहुविवाह करने वाले लोग समाज में सिर्फ कानूनी दंड ही नहीं झेलेंगे, बल्कि उन्हें सार्वजनिक और आर्थिक रूप से भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
पहले से शादी कर चुके लोगों की स्थिति
यह नया कानून केवल भविष्य में होने वाले बहुविवाह पर लागू होगा। जो लोग पहले से दो या दो से अधिक शादियां कर चुके हैं, उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। इसका मतलब साफ है कि पहले की शादियां वैध रहेंगी और उन पर इस बिल का कोई असर नहीं पड़ेगा। इस प्रावधान से यह सुनिश्चित किया गया है कि कानून समानता और न्याय पर आधारित हो, और केवल नई घटनाओं को रोकने का काम करे। इससे समाज में किसी तरह की अनावश्यक परेशानियों या उलझनों से बचा जा सकेगा।
सामाजिक सुधार और महिलाओं के अधिकारों की दिशा में कदम
असम सरकार का यह फैसला केवल कानूनी बदलाव नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सुधार और महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। बहुविवाह पर रोक लगाकर सरकार ने यह संदेश दिया है कि सभी महिलाओं को समान अधिकार और सुरक्षा मिलनी चाहिए।
आसाम में बहुविवाह विधेयक के तहत राज्य में
— Amrendra Bahubali 🇮🇳 (@TheBahubali_IND) November 28, 2025
एक से ज्यादा शादी करने पर प्रतिबंध होगा
दूसरी शादी करने पर 7 साल जेल की सजा होगी
हेमंत बिस्वा सरमा 🔥🔥 pic.twitter.com/ZNirTTvrmh
अब राज्य में दो-दो शादियों करने वाले न केवल कानूनी कार्रवाई के दायरे में आएंगे, बल्कि उन्हें सरकारी सुविधाओं और रोजगार में प्रतिबंध भी झेलना होगा। यह कानून समाज में जागरूकता बढ़ाने और परिवारों को संरचित रखने में मदद करेगा।
इस तरह यह बिल भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक चेतावनी और मार्गदर्शन का काम करेगा, ताकि समाज में विश्वास और न्याय की स्थापना हो और किसी भी प्रकार की अनुचित पारिवारिक प्रथा को रोका जा सके।

