सूर्य देव को जल चढ़ाते हुए न करें ऐसी गलतियां, इन बातों का रखें ध्यान
punjabkesari.in Saturday, May 04, 2024 - 06:23 PM (IST)
हिंदू धर्म में उगते हुए सूर्य को जल की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। घर के बड़े शुरुआत से सूर्य को अर्घ्य देते आ रहे हैं। शास्त्रों की मानें तो सूर्य को अर्घ्य देते हुए कुछ नियमों का ध्यान रखना जरुरी है। ऐसा माना जाता है यदि सूर्य को अर्घ्य देते हुए ये गलतियां हो जाए तो भगवान सूर्य नाराज हो सकते हैं। सूर्य को शांति और शालीनता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में आपको बताते हैं कि सूर्य को जल चढ़ाते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इस तरह चढ़ाएं सूर्य को जल
. हमेशा स्नान करने के बाद सूर्य देव को तांबे के बर्तन में अर्घ्य दें।
. सूर्य को जल चढ़ाने से पहले पानी में लाल फूल, कुमकुम और चावल डालें। फिर जल सूर्यदेव को चढ़ाएं।
. सूर्य को अर्घ्य देते हुए जल की गिरती धार के साथ सूर्य की किरणें भी जरुर देखें।
. पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सूर्य को जल देना शुभ माना जाता है।
. यह ध्यान रखें कि यह जल आपके पांव तक न पहुंचे।
. जल चढ़ाते समय सूर्य के मंत्र का जाप भी करते रहें।
जल चढ़ाते हुए न करें ऐसी गलतियां
. सूर्य को जल चढ़ाने के समय सुबह उत्तम माना जाता है।
. जल चढ़ाते हुए ध्यान रखें कि जूते-चप्पल न पहनें। नंगे-पैर ही सूर्य को जल चढ़ांए।
. जल अर्पित करते हुए यह ध्यान रखें कि पानी पैर तक न जाए।
. इन बातों का ध्यान रखने से आपको पूजा का अशुभ फल नहीं मिलेगा।
जल चढ़ाने के फायदे
सूर्य होगा मजबूत
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है उन्हें रोज सूर्य देव को जल देना चाहिए। रोज सूर्य देव को जल देने से आत्मविश्वास मजबूत होता है। सूर्य को जल देने से समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है। जल अर्पित करते हुए मुंह पूर्व दिशा में रखें।
अधिकारियों का मिलेगा साथ
यदि नौकरी में परेशानी हो रही है तो नियमित रुप से सूर्य को जल दें। इससे आपको अधिकारियों का साथ मिलेगा और जीवन की मुश्किलें दूर होगी।
शरीर रहेगा ऊर्जावान
ऐसा माना जाता है कि नियमित तौर पर सूर्य को जल देने से शरीर एनर्जेटिक रहता है।
तांबे का बर्तन करें इस्तेमाल
सूर्य को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे का बर्तन ही इस्तेमाल करें। तांबे का बर्तन इस्तेमाल करना पूजा के दौरान शुभ माना जाता है।
आत्मबल बनेगा मजबूत
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है ऐसे में आत्मा की शुद्धि और आत्म बल बढ़ाने में नियमित रुप से सूर्य को जल देना चाहिए।