विवाह में आ रही अचड़न तो छठे नवरात्रि लगाए मां कात्यायनी को 2 चीजों का भोग
punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 05:19 PM (IST)
नारी डेस्कः देवी दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी है। मां कात्यायनी को युद्ध की देवी भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कात्यायनी को ऋषि की पुत्री होने के कारण यह नाम मिला था। मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना जाता है। मां कात्यायनी का स्वरूप स्वर्ण के समान चमकीला है और पीला रंग उन्हें अति प्रिय है। मां की पूजा से जातक को असीम बल मिलता है और विवाह में आने वाली अड़चनें भी दूर हो जाती हैं। चलिए मां कात्यायनी की व्रत कथा, प्रिय भोग व मंत्र के बारे में आपको बताते हैं।
मां कात्यायनी की व्रत कथा (Maa Katyayani Vrat Katha)
पौराराणिक कथा के अनुसार वनमीकथ का नाम के महर्षि थे, उनका एक पुत्र था जिसका नाम कात्य रखा गया। इसके बाद कात्य गोत्र में महर्षि कात्यायन ने जन्म लिया, उनकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने मां भगवती को पुत्री के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर मां भगवती ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया। कात्यायन ऋषि ने माता को अपनी मंशा बताई, देवी भगवती ने वचन दिया कि वह उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लेंगी।
उस समय तीनों लोक पर महिषासुर नामक दैत्य का अत्याचार बढ़ गया और देवी देवता उसके कृत्य से परेशान हो गए। माता के जन्म के बाद कात्यायन ऋषि ने सप्तमी, अष्टमी और नवमी तीन दिनों तक मां कात्यायनी की विधिवत पूजा अर्चना की। इसके बाद मां कात्यायनी ने दशमी के दिन महिषासुर नामक दैत्य का वध कर तीनों लोक को उसके अत्याचार से बचाया।
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मां कात्यायनी के विवाह से जुड़े उपाय (Maa Katyayani ke Upay)
जिन लोगों के विवाह में अचड़न आ रही है या कुंडली में विवाह का योग नहीं बन रहा है, वह लोग मां कात्यायनी की विधिवत पूजा अर्चना करें और उनके मंत्रों का 108 बार जाप करें। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि गोपियों ने भी भगवान श्री कृष्ण से विवाह के लिए मां कात्यायनी देवी की ही अराधना की थी।
मां कात्यायनी का प्रिय भोग और रंग (Maa Katyayani Ka Bhog)
माता कात्यायनी को पीले और लाल रंग बहुत प्रिय है। आप माता को पूजा में पीले गेंदे के फूल और लाल गुलाब अर्पित कर सकते हैं। मां कात्यायनी को शहद और मीठे पान का भोग लगाए, इसे अर्पित करने से व्यक्ति के सौंदर्यता में वृद्धि होती है, साथ ही मां लक्ष्मी के रूप में माता घर में वास करती हैं। कात्यायनी देवी को शहद और मूंग दाल हलवे का भोग भी लगा सकते हैं।मां को जयाफल बहुत पसंद है आप वह भी अर्पित कर सकते हैं।
मां कात्यायनी का साधना मंत्र (Maa Katyayani Mantra)
साधना मंत्र - ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।। इस मंत्र का 108 बार जाप करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। आप इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।