Navratri के बाद खेत्री विसर्जन कैसे करें, चढ़ाई गए नारियल-कलश और श्रृंगार का क्या करें?
punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 08:07 PM (IST)
नारी डेस्कः नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा के हर स्वरूप की पूजा की जाती है। बहुत से लोग दुर्गा अष्टमी या नवमी पर खैत्री माता का विसर्जन करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन खैत्री में ज्वार (जौ) के बीजों को पूरी श्रद्धापूर्वक उगाया जाता है और अष्टमी या नवमी पर खेत्री माता का विसर्जन कर दिया जाता है लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि खैत्री माता को अर्पित किए सामान का क्या करें ? तो चलिए आपको खैत्री विसर्जन कैसे-कब करना चाहिए और चढ़ाई गई सामग्री कलश, नारियल, श्रृंगार सामग्री का क्या करना है? उसके बारे में बताते हैं।
खैत्री विसर्जन कब और कैसे करें? (Khetri Visarjan kab Aur Kaise Karein)
बहुत से लोग अष्टमी या नवमी में खैत्री माता का विसर्जन करते हैं लेकिन नवदुर्गा का यह त्योहार 9 दिनों का रहता है इसलिए नौ दिन पूजा करने के बाद 10वें दिन ही खैत्री माता का विसर्जन करना चाहिए। अगर आपने अखंड ज्योति जलाई है तो दसवें दिन ही खैत्री विसर्जन करें। खैत्री विसर्जन से पहले ज्वार की कुछ सांखों (पंखुड़ियों) को मां दुर्गा को अर्पित करें, फिर अर्पित की सांखों को लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रख लें। मां दुर्गा की अभिमंत्रित की गई ये खैत्री माता आपके जीवन में सुख-समृद्धि तरक्की लेकर आएगी। इस लाल कपड़े में खैत्री की सांखों के साथ आप अर्पित किए लौंग सुपारी और सिक्का भी रख सकते हैं। कलश को बांधे कलावे को अपने परिवार के सदस्य व बच्चे के हाथ में बांध दें। कलावे (मौली) के साथ सारी सामग्री को बांधकर वहां रख दें जहां आप पैसे व आभूषण रखते हैं।
अगर मिट्टी के बर्तन में खेत्री की है तो मिट्टी के बर्तन से निकाल कर खैत्री माता को साफ जल में विसर्जित कर दें। आप घर के गमले में भी खेत्री माता को विसर्जित कर सकते हैं, फिर उस गमले में एक फूलों वाला पौधा उगा सकते हैं। मिट्टी के प्याले को आप पक्षियों के पानी के लिए रख सकते हैं।
मां दुर्गा को अर्पित की गई सामग्री का क्या करें?
नवरात्रि में खेत्री पूजन के दौरान मां को फूल, नारियल, क्लश, चावल, पैसे की भेंट, लौंग-इलायची, पान, सुपारी, मेवा, श्रृंगार का सामान, माता की चुनरी, धूप अगरबत्ती, घी-दीपक आदि अर्पित किया जाता है।
धूप-अगरबत्ती और रूई जोत की राख को संभाल लें या किसी गमले में डाल दें। इस राख को आप पानी में विसर्जित भी कर सकते हैं। मां की मिट्टी की मूर्ति को आप पानी में विसर्जित कर सकते हैं नहीं तो मंदिर
में रख लें।
मां को अर्पित किए गए लोंग-इलायची, पान, सुपारी, मेवा, फल को प्रसाद के रूप में बांट दें या किचन में इस्तेमाल कर लें। नारियल को भी लोग कन्यापूजन में प्रसाद के रूप में बांटते हैं। चावल को अपने रसोई घर में रख लें। मां को अर्पित किए पैसे को मंदिर में चढ़ा दें या अपनी तिजोरी में संभाल कर रख दें। अर्पित किए सूखे फूलों को किसी गमले में डाल दें।
मां दुर्गा को अर्पित किया श्रृंगार किसी महिला को भी दे सकते हैं या फिर आप खुद भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। माता की तस्वीर, चुनरी को संभालकर मंदिर में रख लें या आगे किसी पूजा में इस्तेमाल कर लें।
नवरात्रि के बाद खेत्री पूजा करने का तरीका (Khetri Mata ki Puja Ka Tarika)
नवरात्रि के आखिरी दिन, जौ या खेत्री माता को प्रणाम करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए माफ़ी मांगें। कुछ जौ माता को अर्पित करें। कुछ जौ परिवार के सदस्यों को दें। कुछ जौ तिजोरी में रख लें। बाकी जौ साफ़ पानी, नदी, या तालाब में विसर्जित कर दें।