सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पहले जल में मिलाएं ये चीजें, बनी रहेंगी कृपा

punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 03:03 PM (IST)

हिंदु धर्म में सूर्यदेव को सर्वश्रेष्ठ देवता के स्थान में माना जाता है। रोजाना सुबह नहाकर सूर्य देव को जल चढ़ाने से शरीर में एनर्जी आती है। बीमारियों से छुटकारा मिलने के साथ आयु लंबी होती है। घर में सुख-समृद्धि, शांति भरा माहौल बना रहा रहता है। कुछ लोग सूर्य देव को लोटे में जल भर कर चढ़ाते है। मगर इससे उनको पूरी तरह से भगवान की कृपा नहीं मिल पाती है। इसके लिए जल के लोटे में कुछ चीजों को मिलाकर सूर्यदेव को अर्पित करना शुभफलदाई होता है। माना जाता है कि इससे सूर्य देव अपने भक्त से खुश होकर उसे लाख गुना वापिस लौटाते है। 

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एस्ट्रो एक्सपर्ट के मुताबिक, हमारे शास्त्रों व पुराणों में भी सूर्य देव को जल चढ़ाना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि रोजाना सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से शारीरिक और मानसिक रूप से शांति मिलती है। मगर जल को चढ़ाने में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसे कि सूर्य को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे का लोटा इस्तेमाल करना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त यह नीचे पैरों पर गिरने की जगह तुलसी के पौधे पर गिरना शुभ माना जाता है। असल में इस जल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। बात अगर पुराने टाइम की करें तो लोग नदी के पास जाकर सूर्य देव को जल अर्पित करते थे। इससे जल नदी में जाकर मिक्स हो जाता था। मगर आज के समय में घर के पास नदी न होने पर सूर्य देव को जल अर्पित करते समय तुलसी के पौधे को रखना शुभ रहेगा। इसके साथ ही जल के लोटे कुछ चीजों को मिलाकर चढ़ाना चाहिए। तभी पूजा का पूरा फल मिल पाएगा।' तो चलिए जानते उन चीजों के बारे में....

चावल

किसी भी पूजा में चावल का इस्तेमाल करना शुभता का प्रतीक माना जाता है। घर पर कोई भी मंगलिक कार्य होने पर भी सिंदुर में चावल मिक्स कर तिलक के रूप में लगाया जाता है। बेटी की विदाई, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यो में चावल को यूज करना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी तरह सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए पानी के लोटे में 2-3 चावल के दाने दाने से सुख-समृद्धि और पॉजीटिविटी मिलती है। 

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रोली 

रोजाना तांबे के लोटे में थोड़ा सा लाल रंग मिक्स कर सूर्य देव को चढ़ाने से सूर्यदोष दूर होता है। साथ ही सूर्य देव की किरणों का लाल रंग हम अपने खून के रंग से जोड़ें तो ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने में मदद मिलती है। सेहत से जुड़ी परेशानियां दूर होती है। सूर्य की किरणें शरीर पर पड़ने से विटामिन- डी की कमी पूरी होती है। 

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मिश्री या चीनी

इसके साथ ही जल में थोड़ी सी मिश्री या फिर चीनी को मिलाकर चढ़ाना चाहिए। इससे भगवान सूर्य देव की कृपा बनी रहेगी।

फूल

सूर्य देव को फूल अति प्रिय होने से जल के लोटे में आक, कनेर, चंपा आदि ताजे फूल को मिलाकर अर्पित करें।

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यह मंत्र भी पढ़े

सूर्य देव को जल चढ़ाते समय मंत्र का उच्चारण करना भी शुभ होता है। इसके लिए आप सूर्य देव के ''ॐ घृणि सूर्य आदित्य नमः'' मंत्र का जाप कर सकते है। इस मंत्र को सूर्य देव को जल चढ़ाते हुए धीरे-धीरे बोले। इस मंत्र का अर्थ है, 'मैं सूर्य से निकलने वाली किरणों को ग्रहण करू अर्थात् मेरे अंदर में भरे गलत विचार, भाव सब दूर हो जाएं।' आप इस मंत्र के बदले गायत्री मंत्र का उच्चारण भी कर सकते है। इसके अलावा सूर्य भगवान को हृदय का कारक माना जाता है। ऐसे में ''आदित्य हृदय स्त्रोत''  के मंत्र को भी पढ़ा जा सकता है। इससे दिल स्वस्थ रहेगा साथ ही इससे जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम रहेगा। इसलिए खासतौर पर दिल के मरीजों को रोज सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करना फायदेमंद होगा। 


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neetu

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