'प्राइवेट पार्ट की फोटो दो, पीरियड्स आने का प्रूफ दिखाओ'...यूनिवर्सिटी प्रशासन की शर्मनाक हरकत
punjabkesari.in Saturday, Nov 01, 2025 - 09:52 AM (IST)
नारी डेस्क: हरियाणा के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें तीन लोगों पर महिला सफाई कर्मचारियों से यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। पुलिस के मुताबिक, इन लोगों ने महिलाओं से उनके प्राइवेट पार्ट की तस्वीरें लेने की मांग की, ताकि यह साबित किया जा सके कि उन्हें मासिक धर्म (पीरियड्स) हो रहा है।
घटना का समय और स्थान
यह मामला 26 अक्टूबर को उस समय हुआ जब हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष यूनिवर्सिटी के परिसर में दौरे के लिए आने वाले थे। तीन महिला सफाई कर्मचारियों ने शिकायत की कि दोनों सुपरवाइजर ने उन्हें अस्वस्थ होने के बावजूद परिसर की सफाई के लिए मजबूर किया और फिर उनसे मासिक धर्म होने का सबूत दिखाने के लिए प्राइवेट तस्वीरें मांग ली।
महर्षि दयानंद युनिवर्सिटी में शर्मनाक हरकत: महिला स्टाफ से मांगे पीरियड्स के सबूत। pic.twitter.com/02thMXFENI
— INC TV (@INC_Television) October 31, 2025
आरोपों का विवरण
एक सफाई कर्मचारी ने बताया कि उन्होंने सुपरवाइजर को बताया कि मासिक धर्म के कारण वे पूरी ताकत से काम नहीं कर पा रही हैं। इसके बावजूद उन्हें प्राइवेट पार्ट की तस्वीरें लेने की मांग की गई, और जब उन्होंने मना किया, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। महिलाओं ने यह भी कहा कि सुपरवाइजर ने यह कार्रवाई सहायक रजिस्ट्रार श्याम सुंदर के आदेश पर की। हालांकि, श्याम सुंदर ने ऐसा कोई आदेश देने से इंकार किया है।
पुलिस की कार्रवाई
पीजीआईएमएस थाने के प्रभारी रोशन लाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जिसमें आपराधिक धमकी, यौन उत्पीड़न, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और महिला पर हमला या बल प्रयोग के आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, आरोपियों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है। शुक्रवार को एक महिला सफाई कर्मचारी का बयान दर्ज किया गया।
हरियाणा के MDU, रोहतक में महिला स्टाफ से पीरियड्स का सबूत और सैनिटरी पैड की फोटो मांगना शर्मनाक ही नहीं, सीधा मानसिक उत्पीड़न है।
— खुरपेंच Satire (@Khurpench_) October 30, 2025
ऐसी घटनाएँ बताती हैं कि संस्थानों में संवेदनशीलता नहीं, सत्ता और लिंगभेद का ज़हर भरा है।
महिला आयोग और शिक्षा मंत्रालय को तुरंत हस्तक्षेप कर… pic.twitter.com/cjGeLqLm2e
यूनिवर्सिटी की प्रतिक्रिया
इस मामले के सामने आने के बाद, यूनिवर्सिटी ने आरोपियों को निलंबित कर दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के किसी भी अनुचित व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मामले की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी। यह मामला न सिर्फ कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि लैंगिक सम्मान और कार्यस्थल की सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी भी है। ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई और पीड़ितों को सुरक्षा देना बेहद जरूरी है।

