Mauni Amavasya 2025: पितृ ऋण चुकाने का सबसे बड़ा दिन, 3 उपाय देंगे 'पितृ दोष' मुक्ति
punjabkesari.in Monday, Jan 27, 2025 - 08:36 PM (IST)
नारी डेस्कः महाकुंभ 2025 में 29 जनवरी यानि कि मौनी अमावस्या का दिन बहुत खास है। इस दिन दूसरा शाही स्नान होगा और यह दिन पितृ ऋण चुकाने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। क्योंकि जैसे पूर्णिमा का दिन हमारे देवताओं का होता है वैसे ही अमावस्या को पितरों का दिन कहा जाता है। इस बार की मौनी अमावस्या बहुत खास है। इसलिए इस दिन पितृ दोष और पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए कुछ खास उपाय जरूर करें क्योंकि इससे आपको अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
पितरों को प्रसन्न करने का खास दिन- मौनी अमावस्या
इस बार की मौनी अमावस्या बहुत ही खास है क्योंकि इस समय महाकुंभ भी चल रहा है जो 144 साल बाद मनाया जा रहा है। इसलिए इस दिन का धार्मिक महत्व काफी बढ़ गया है। अगर आप सनातनी धर्म और ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखते हैं तो आप इस बात पर भी विश्वास करते होंगे कि आत्माएं पितरों के रूप में पॉजिटिव व नैगेटिव एनर्जी के रूप में हमारे आस-पास है। यह आशीर्वाद भी देती हैं और नाराज होने पर घर परिवार में समस्याएं भी लेकर आती है। नेगेटिव प्रभाव देंगे तो घर में बीमारी, कर्जा, शादी में बाधा, कामों में अचड़न, कुल आगे नहीं बढ़ रहा और लगातार कोई ना कोई समस्या परिवार पर बनी रहती है।
पितृ दोष-पितृ आशीर्वाद पाने के 3 खास उपाय
मौनी अमावस्या का दिन बहुत ही पावरफुल है और इस बार की अमावस्या बाकी सारी अमावस्या से ज्यादा महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन किए गए उपाय आपके जीवन में गहरा असर छोड़ेंगे। अगर आप महाकुंभ में शामिल हैं तो वहां पर ये उपाय करें और अगर आप वहां नहीं है तो यह सारे उपाय आप घर पर भी कर सकते हैं। आपको तीन छोटे-छोटे उपाय करने हैं।
1. इस दिन आपको खीर बनानी हैं और इस खीर को आपको ऐसे लोगों में बांटना है जो जरूरतमंद और गरीब हो। इसे आप मंदिर के बाहर भी बांट सकते हैं लेकिन कोशिश ऐसी रहे कि यह खीर उन्हें मिले जिन्हें सच में भोजन की बहुत अधिक आवश्यकता है जिन्हें साधारण तौर पर खीर नहीं मिलती है।
2. ब्राह्मण या किसी वृद्ध आदमी को चप्पल, छतरी या वस्त्र का दान करें। आप ये चीजें किसी स्त्री या पुरुष किसी को भी दे सकते हैं।
3. घर में चावल उबालें उसमें एक चम्मच देसी घी, काले तिल, हल्दी और थोड़ा सा रॉक साल्ट (सेंधा नमक) डालें और इसके पांच गोले बना लीजिए। जहां पर भी घर के आस-पास आपको कौएं नजर आते हैं उन्हें यह किसी पत्तल या पेपर प्लेट में डालकर अर्पित करें। कौओं को ये परोसें क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, यह सीधा पितरों के निमित माना जाता है। इसी के साथ इस अमावस्या को जल में काले तिल लाकर पितरों को तर्पण करें और उनसे आशीर्वाद मांगे और अपनी जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
मौनी अमावस्या 2025, महाकुंभ का सबसे शुभ दिन
मौनी अमावस्या 2025, महाकुंभ का सबसे शुभ और महत्वपूर्ण दिन रहेगा। इस दिन संगम में स्नान, दान-पुण्य, मौन व्रत और साधना से न केवल पुण्य प्राप्त होगा, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी मिलेगी। अगर आप इस दिन प्रयागराज में महाकुंभ का हिस्सा बन सकते हैं, तो यह एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव होगा। पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को शांति मिलती है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान-पूजन करें।
सकारात्मक सोच रखें और दूसरों की मदद व दान करें।
इस अवसर का आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ उठाएं।
मौनी अमावस्या पर क्या करें?
पवित्र स्नान:गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करना इस दिन सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों, विशेष रूप से प्रयागराज के संगम में स्नान करें। स्नान करते समय गायत्री मंत्र या "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें। स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है।
मौन व्रत और ध्यान: मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन मौन रहने से आत्मिक शांति मिलती है और मानसिक शक्ति का विकास होता है। अगर आप रख सकते हैं तो पूरे दिन मौन व्रत रखें और अपने विचारों को सकारात्मक बनाए रखें। ध्यान, जप और साधना के लिए समय निकालें।
दान-पुण्य:अनाज, वस्त्र, घी, तिल, कंबल और धन का दान करें। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
भगवान की पूजा: घर में भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें। गीता, रामायण या भगवत कथा का पाठ सुनें।
मौनी अमावस्या पर क्या न करें?
नकारात्मकता से बचें: झूठ बोलने और किसी का दिल दुखाने से बचें। क्रोध और गुस्से से दूर रहें।
अपवित्रता: इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। नशा या मांसाहारी खाने से दूर रहें।
पाप कर्म: दूसरों को हानि पहुंचाने वाले विचारों या कार्यों से बचें। अहंकार और लालच से दूर रहें।
मौनी अमावस्या 2025 में संगम स्नान का महत्व
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम स्थान विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इस दिन संगम में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में साधु-संतों और नागा बाबाओं के दर्शन का महत्व अत्यधिक है।