मर चुकी मां के गर्भ में पल रहा बच्चा, 3 महीने बाद लेगा जन्म
punjabkesari.in Saturday, May 17, 2025 - 03:55 PM (IST)

नारी डेस्क: अटलांटा (अमेरिका) – अमेरिका के जॉर्जिया राज्य में एक बेहद भावुक और विवादास्पद मामला सामने आया है। यहां एक 30 साल की महिला, एड्रियाना स्मिथ, को फरवरी में ब्रेन डेड (मस्तिष्क मृत) घोषित कर दिया गया, लेकिन उसके शरीर को अब भी मशीनों के सहारे ज़िंदा रखा गया है – सिर्फ इसलिए ताकि उसके पेट में पल रहा भ्रूण (21 हफ्ते का) आगे विकसित हो सके और जन्म ले सके।
क्या हुआ था एड्रियाना के साथ?
एड्रियाना को फरवरी में तेज़ सिरदर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में डॉक्टरों को पता चला कि उसके मस्तिष्क में खून के थक्के (ब्लड क्लॉट्स) बन गए हैं। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे "ब्रेन डेड" घोषित कर दिया, यानी उसका दिमाग अब काम नहीं कर रहा, और वह कानूनी रूप से मृत मानी जाती है। लेकिन उस समय एड्रियाना गर्भवती थी, और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा 21 हफ्तों का था।
क्यों नहीं हटाई गई लाइफ सपोर्ट मशीनें?
जॉर्जिया राज्य में गर्भपात विरोधी सख्त कानून हैं। इन कानूनों के मुताबिक, अगर भ्रूण के दिल की धड़कन चल रही है, तो मां को जीवन रक्षक प्रणाली से नहीं हटाया जा सकता। यही वजह है कि भले ही एड्रियाना अब जीवित नहीं है, फिर भी अस्पताल उसे मशीनों पर जीवित रखे हुए है, ताकि बच्चा गर्भ में और 3 महीने तक सुरक्षित रह सके और जन्म ले सके।
परिवार की चिंता
एड्रियाना की मां, एप्रिल न्यूकिर्क, ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, “मेरी बेटी अब कानूनी रूप से मर चुकी है, लेकिन मशीनें उसे ज़िंदा दिखा रही हैं ताकि उसका बच्चा जन्म ले सके। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के दिमाग में भी तरल पदार्थ है और हो सकता है वो जन्म के बाद ज़िंदा ना रह पाए।” परिवार के सामने बहुत बड़ी दुविधा है – वो नहीं जानते कि वे अपनी बेटी को शांति से जाने दें या फिर उस बच्चे के लिए इंतज़ार करें जिसकी जिंदगी भी अनिश्चित है।
ये भी पढ़ें: डॉक्टरों ने कहा था 'बचना मुश्किल': कीमो छोड़ा जंगल में बिताई रातें, 10 महीने में कैंसर हुआ गायब!
विशेषज्ञों की राय
कहते हैं,“यह मामला बेहद कठिन और संवेदनशील है। इसमें मेडिकल, नैतिक और कानूनी सभी पहलू आपस में टकरा रहे हैं।” एमोरी यूनिवर्सिटी अस्पताल ने कहा कि वे व्यक्तिगत मामलों पर टिप्पणी नहीं करते, लेकिन वो राज्य के कानूनों और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार काम कर रहे हैं।
क्या हो सकता है बच्चे के साथ?
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा- अंधा या विकलांग हो सकता है, या फिर जन्म के तुरंत बाद मर भी सकता है। परिवार अभी तक इस बात पर स्पष्ट नहीं है कि वे एड्रियाना को लाइफ सपोर्ट से हटाना चाहते हैं या नहीं।
यह मामला केवल एक मां और उसके अजन्मे बच्चे की कहानी नहीं है, यह एक कानून, चिकित्सा और मानवीय संवेदना के बीच संघर्ष की मिसाल बन गया है। दुनिया भर में लोग अब इस पर चर्चा कर रहे हैं कि ऐसा क्या सही है और क्या गलत।