"सुबह हवन, रात में ताज होटल में दो पैग..."23 साल की तपस्या, फिर भी विवादों में घिरीं ममता कुलकर्णी
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 05:57 PM (IST)
नारी डेस्क: 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह उनकी आध्यात्मिक यात्रा और महामंडलेश्वर की पदवी को लेकर उठा विवाद है। हाल ही में महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी, लेकिन कुछ संतों के विरोध के चलते उन्हें इस पद से हटा दिया गया।
ग्लैमर से साधना तक का सफर
ममता कुलकर्णी का कहना है कि वे पिछले 23 सालों से आध्यात्मिक साधना में लीन हैं। उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने के बाद साध्वी का जीवन अपना लिया, लेकिन विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने अतीत के कुछ अनसुने किस्से भी साझा किए।
नवरात्र के व्रत और ताज होटल की रातें
जब ममता से पूछा गया कि क्या यह सच है कि वे नवरात्र के दौरान व्रत रखती थीं, दिनभर हवन करती थीं और रात में ताज होटल जाकर शराब पीती थीं, तो उन्होंने इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जब वे बॉलीवुड में थीं, तब भी उनका आध्यात्मिक जीवन था। वे शूटिंग पर जाने से पहले पूजा करती थीं और हमेशा अपने साथ एक बैग में मंदिर रखती थीं।
उन्होंने बताया, "मैंने नवरात्र के 9 दिनों तक बिना अन्न के केवल पानी पर रहकर तपस्या की थी। सुबह, दोपहर और रात को हवन करती थी और 36 किलो चंदन की लकड़ियों से यज्ञ किया था।" लेकिन उनके डिजाइनर दोस्तों ने उन्हें समझाया कि उन्हें थोड़ा सामान्य जीवन भी जीना चाहिए।
इसलिए, 9 दिन की साधना के बाद वे ताज होटल चली गईं और "मैंने जैसे ही 2 पैग स्कॉच ली, मुझे लगा कि मेरी पूरी साधना जल गई। मेरी बॉडी इतनी शुद्ध थी कि 40 मिनट तक वॉशरूम में बैठी रही।"
महामंडलेश्वर पद से हटाने का विवाद
महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर का पद दिया था, लेकिन इस पर विवाद खड़ा हो गया। कई संतों और अखाड़े के सदस्यों ने इस फैसले का विरोध किया, जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया।
इस विवाद की असली वजह अखाड़े के दो बड़े संतों - आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और संस्थापक अजय दास के बीच टकराव को बताया जा रहा है। अजय दास ने त्रिपाठी को पद से हटाने की धमकी दी थी, लेकिन त्रिपाठी ने इसे नकार दिया। इसी टकराव के कारण अखाड़े में दरार आ गई और ममता कुलकर्णी को भी इस विवाद में घसीट लिया गया।
ममता का दावा: नहीं चाहती थी महामंडलेश्वर बनना
ममता कुलकर्णी ने यह भी साफ किया कि वे कभी महामंडलेश्वर नहीं बनना चाहती थीं। "मैंने कभी यह पद नहीं मांगा। लेकिन किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के कहने पर मैंने इसे स्वीकार किया था।"
आध्यात्मिक जीवन में विवादों का असर
ममता कुलकर्णी का कहना है कि वे सिर्फ अपनी साधना में लगी हैं और किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहतीं। उन्होंने अपने चेहरे पर भस्म का श्रृंगार किया और खुद को पूरी तरह आध्यात्मिक मार्ग पर समर्पित बताया।
हालांकि, उनका सफर जितना प्रेरणादायक है, उतना ही विवादों से भरा भी रहा है। चाहे उनका बॉलीवुड करियर हो या आध्यात्मिक जीवन, ममता कुलकर्णी हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं।