Parents Alert: बच्चा कोरोना पाॅजिटिव आता है तो इन बातों पर गौर करें

punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 05:18 PM (IST)

हर मां- बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा सुरक्षित रहे और हर बीमारी से बचा रहे। लेकिन कोरोना के चलते जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं उससे मां- बाप की चिंता और बढ़ गई है। पहली और दूसरी लहर की तुलना में इस बार बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की मामले ज्यादा आ रहे हैं। अगर इस मुश्किल दौर में आपका बच्चा भी कोरोना पॉजिटिव हो गया है तो आप संयम रखें और कुछ खास बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चे को संभालें। 


इन बातों का रखें ख्याल 

-बच्चे को घर में आइसोलेट करें और उसे मास्क लगाएं 

-साथ रह रहे पेरेंट्स डबल लेयर का मास्क और गल्व्स का इस्तेमाल करें।

-बच्चे की हर चीज़ को सैनिटाइज करें। 

-बार-बार बच्चे के हाथों को सैनिटाइज करें। 

-बच्चों की सांस की रफ्तार व हाइड्रेशन पर नजर रखें। 

-बच्चे से जुड़ा कोई भी काम करने के बाद हाथों को सैनिटाइज करें।

-बच्चे के कपड़े बदलते समय  या फिर नहलाते समय फेस शील्ड का इस्तेमाल करें।

 

ये काम बिलकुल ना करें


-गैरजरूरी दवाएं, देसी इलाज, एंटीबायोटिक न दें।

-2 साल से कम उम्र के बच्चों को भाप न दें।

-बच्चों में आइसोलेशन नियमों की अनदेखी न करें।

-बच्चे को लेकर लापरवाही बिल्कुल ना बरतें।


बच्चे को इस तरह बहलाएं

इस सब का असर बच्चे के शरीर के साथ- साथ उसके दिमाग पर भी पड़ता है। ऐसे में ज़रूरी है कि बच्चों के पेरेंट्स उनका ख्याल रखते  हुए उनके मानसिक तनाव को कम करने की भी कोशिश करें। उन्हें  कहानी सुनाएं और उनको ये भरोसा दिलाएं कि सब अच्छा होगा।  इसके साथ ही कमरे और घर के वातावरण को  शांत और आरामदायक रखें।  इसके साथ ही उनको समय-समय पर हाथ धोने के लिए भी प्रोत्साहित करती रहें, साथ ही ये बताते रहें कि ऐसा करने से हम सब अच्छे रहेंगे। 


बच्चों में कोरोना के लक्षण

बुखार का बने रहना

त्वचा पर लाल निशान

आंखें लाल होना

शरीर या जोड़ों में दर्द

उल्टी होना

पेट संबंधी परेशानी

चिड़चिड़ापन

थकान, सुस्ती और ज्यादा नींद


हौसला और हिम्मत दें

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना महामारी ने बच्चों के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। ऐसे में बहुत सारे बच्चे स्ट्रेस और एंजायटी से पीड़ित हैं।उनके लिए यह बहुत ही नाजुक समय है। इस स्थिति से उन्हें निकलने के लिए परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों को सहयोग करना होगा। उनके अंदर निगेटिव की बजाय पॉजिटिव चीजें  अंदर पैदा करें। हौसला और हिम्मत दें। 


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Content Writer

vasudha

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