27 साल तक महिला को नहीं आए Periods, डॉ. भी केस देख हैरान, फिर जो हुआ...
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 09:49 AM (IST)

नारी डेस्क: कभी-कभी महिलाओं की ऐसी हेल्थ कंडीशन सामने आती है, जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह जाते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमें 27 साल की उम्र तक महिला को पीरियड्स (Periods) नहीं आए। इसके बावजूद वह मां बनने का सपना देख रही थी। मामला इतना जटिल था कि डॉक्टर भी दंग रह गए, लेकिन आगे जो हुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था।
मां बनने की ख्वाहिश
फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. राजीव अग्रवाल ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि उनके पास 27 साल की महिला मरीज आई थीं। शादी को 2 साल हो चुके थे, लेकिन महिला को अब तक कभी पीरियड्स नहीं आए थे। इसके बावजूद वह मां बनने के लिए बेताब थी और डॉक्टर के पास उम्मीद लेकर पहुंची।
कभी नहीं आए पीरियड्स
महिला ने अपनी हिस्ट्री बताते हुए कहा कि उसे जिंदगी में कभी भी पीरियड्स नहीं आए। न तो 12 साल की उम्र में, न 16 में और न ही उसके बाद कभी। यह सुनकर डॉक्टर भी चौंक गए क्योंकि यह बेहद दुर्लभ स्थिति थी। महिला ने बताया कि उसके माता-पिता ने कभी डॉक्टर से चेकअप नहीं करवाया। वजह थी जानकारी की कमी और समाज में शर्मिंदगी का डर। जबकि उनकी मां का प्रजनन चक्र पूरी तरह सामान्य रहा था और 47 साल की उम्र में सिर्फ फाइब्रॉएड की वजह से ऑपरेशन हुआ था।
जांच में सामने आई सच्चाई
डॉक्टरों ने विस्तार से जांच की। पता चला कि महिला की ओवरीज बहुत छोटी और कमजोर (atrophic) थीं। उनका AMH लेवल केवल 0.001 था। जेनेटिक टेस्ट में पाया गया कि महिला का कैरियोटाइप 46 XX यानी सामान्य महिला जैसा था, लेकिन Fragile X (FMRI mutation) पॉजिटिव पाया गया। इसका मतलब यह था कि महिला को कभी ओव्यूलेशन नहीं हुआ और उसके शरीर में कोई फंक्शनल एग्स (eggs) मौजूद ही नहीं थे। साथ ही, उसका गर्भाशय भी पूरी तरह विकसित नहीं था।
Fragile X प्री-म्यूटेशन क्या है?
डॉक्टर राजीव के अनुसार, Fragile X प्री-म्यूटेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाएं बहुत जल्दी अपने अंडे खो देती हैं। भले ही वे युवा हों, लेकिन उनकी ओवरी समय से पहले बूढ़ी हो जाती है और नॉन-फंक्शनल हो जाती है। इसी वजह से इन महिलाओं को पीरियड्स और प्रजनन क्षमता से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इलाज और शुरुआत हुई पीरियड्स की
डॉक्टर ने महिला का इलाज शुरू किया। पहले दो महीने तक कोई बदलाव नहीं दिखा, लेकिन तीसरे महीने में उसका गर्भाशय (Uterus) विकसित होकर सामान्य आकार का हो गया और आखिरकार उसे पहली बार पीरियड्स आए। लेकिन समस्या यह थी कि महिला के पास अपने एग्स (eggs) नहीं थे। ऐसे में डॉक्टर ने कपल्स को समझाया और तय किया गया कि डोनर एग (donor egg) और पति के स्पर्म (sperm) से IVF प्रक्रिया की जाएगी।
IVF के जरिए बनी मां
IVF प्रक्रिया के बाद महिला के हेल्दी ब्लास्टोसाइट्स तैयार हुए और उन्हें गर्भाशय में ट्रांसफर किया गया। सबसे बड़ी खुशी की बात यह रही कि पहले ही प्रयास में प्रेग्नेंसी कंफर्म हो गई। 9 महीने बाद महिला ने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया।
महिला का सपना हुआ पूरा
जिस महिला को कभी उम्मीद नहीं थी कि वह मां बन पाएगी, आखिरकार उसका सपना सच हो गया। डॉक्टरों के प्रयास और आधुनिक तकनीक के चलते वह मां बनी और उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश पूरी हुई।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी डॉक्टर राजीव अग्रवाल के इंस्टाग्राम पोस्ट पर आधारित है। इसकी पूर्ण सत्यता और सटीकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है।