महाशिवरात्रि पर 30 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, जानिए किस पहर पर पूजा करने से खुलेगें भाग्य
punjabkesari.in Thursday, Feb 16, 2023 - 04:25 PM (IST)
भोले बाबा और मां पर्वती की उपासना के लिए महाशिवरात्रि का दिन बहुत ही उत्तम दिन माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। भक्त महाशिवरात्रि को गौरी-शंकर की शादी की सालगिराह के रुप में मनाते हैं। हिन्दू धर्म में तीन देवताओं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश को इस सृष्टि की रचना एवं विनाश अर्थात संचालन के लिए उत्तरदायी माना जाता है। इस साल यह पर्व 18 फरवरी 2023, शानिवार के दिन मनाया जाएगा। ऐसा मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं।
महाशिवरात्रि पर 30 साल बाद शुभ संयोग
इस साल महाशिवरात्रि पर अत्यंत शुभ और फलदाई सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ योग में धार्मिक कार्य करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है। ज्योतिष के मुताबिक महाशिवरात्रि पर 30 साल के बाद ये शुभ संयोग बन रहा है। ये बड़ा ही दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। इस साल महाशुवरात्रि पर न्याय के देवता यानि शनि कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। दूसरा संयोग बनेगा 13 फरवरी को। 13 फरवरी के कुंभ राशि में पिता-पुत्र सूर्य और शनि की युति भी बनने वाली है। शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। इस दिन प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है।
महाशिवरात्रि 2023 पूजा का समय
धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है।
प्रथम प्रहर पूजा का समय- 18 फरवरी शाम 06 बजकर 45 मिनट से रात 09 बजकर 35 मिनट तक
द्वितीय प्रहर पूजा का समय - 18 फरवरी रात्रि 09 बजकर 35 मिनट से 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट तक
तृतीय प्रहर पूजा का समय- 19 फरवरी मध्यरात्रि 12 बजकर 24 मिनट से प्रात: 03 बजकर 14 मिनट तक
चतुर्थ प्रहर पूजा का समय- 19 फरवरी प्रात 03 बजकर 14 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक
महाशिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 04 बजकर 12 से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग- इस बार महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का संयोग भी बन रहा है।
पंचांग के अनुसार 18 फरवरी, शनिवार को रात 8 बजे फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। इसलिए शानि प्रदोष व्रत भी 18 फरवरी को ही किया जाएगा।
महाशिवरात्रि के दिन प्रकट हुए थे ज्योतिर्लिंग
धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे। ये सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, रामेश्वर ज्योतिर्लिंग और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग हैं।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन पूरे भक्ति भाव से की गई प्रार्थना जरुर स्वीकार होती है। शिवरात्रि के दिन शिव भक्त पूरे दिन व्रत रखने के साथ जलाभिषेक करते हैं। भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने के साथ जलाभिषेक करने से व्यक्ति को सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है।