मां अन्नपूर्णा की बरसेगी कृपा जब पूजा करते हुए रखेंगे इन बातों का ध्यान!

punjabkesari.in Thursday, Jun 01, 2023 - 05:20 PM (IST)

मां भगवती का वो स्वरूप जिससे संसार को भरण पोषण और अन्न वस्त्र मिल रहा है, वे अन्नपूर्णा स्वरूप है। माना जाता है कि दुनिया में समस्त प्राणियों को भोजन मां अन्नपूर्णा की कृपा से ही मिल रहा है। भगवान शिव चूंकि समस्त सृष्टि का नियंत्रण अपने परिवार की तरह करते हैं। अत: उनके परिवार की गृहस्थी मां अन्नपूर्णा चलाती हैं। मां अन्नपूर्णा की उपासना से समृद्धि, सम्पन्नता और संतोष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही साथ व्यक्ति को भक्ति और वैराग्य का आशीर्वाद  भी मिलता है।

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मां अन्नपूर्णा की पूजा में किन-किन बातों की बरतें सावधानी

मां अन्नपूर्णा की पूजा प्रात ब्रह्म मुहूर्त में या संध्याकाल में करनी चाहिए।
पूजा के समय लाल, पीले और श्वेत वस्त्र धारण करें।
भगवती अन्नपूर्णा को कभी भी दूर्वा (दूब) अर्पित न करें।
मंत्र जाप के लिए तुलसी की माला का प्रयोग न करें।
अपनी माता और घर की स्त्रियों का सम्मान करें।

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किस प्रकार करें मां अन्नपूर्णा की पूजा ताकि दरिद्रता का नाश हो और सम्पन्नता की प्राप्ति हो? 

मां अन्नपूर्णा की पूजा रोज भी कर सकते हैं या केवल शुक्रवार को भी कर सकते हैं।
मां अन्नपूर्णा के चित्र के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
 संपूर्ण भोजन जरूर चढ़ाएं।
ध्यान रखें कि भोजन अर्पण के पूर्व घर में किसी ने भोजन ग्रहण न किया हो।
 तत्पश्चात अन्नपूर्णा स्तोत्र का पाठ करें या मां के मंत्र का जाप करें।
 इसके बाद अर्पित किए गए भोजन को प्रसाद की तरह ग्रहण करें।
 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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