कौन हैं अभिमन्यु मिश्रा? 16 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को दी करारी शिकस्त

punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 11:55 AM (IST)

 नारी डेस्क : शतरंज की दुनिया में एक नया सितारा चमका है  नाम है अभिमन्यु मिश्रा। मात्र 16 साल की उम्र में उन्होंने हाल ही में वर्ल्ड चेस चैंपियन डी गुकेश को हरा कर इतिहास रच दिया है। इस शानदार जीत के बाद अभिमन्यु अब दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गए हैं। आइए जानते हैं कौन हैं ये कमाल का प्रदर्शन करने वाला युवा खिलाड़ी।

गुकेश को हराकर रचा इतिहास

अभिमन्यु मिश्रा ने 2025 के FIDE ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट में डी गुकेश को पांच राउंड तक चले मुकाबले में हरा दिया। यह मुकाबला 61 चालों तक चला, जहां अंत में अभिमन्यु का पलड़ा भारी रहा। इस जीत के साथ वे इतिहास में सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियन को हराने वाले खिलाड़ी बन गए। उन्होंने 33 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो गाता कामस्की के नाम था।

कौन हैं अभिमन्यु मिश्रा?

अभिमन्यु का जन्म 5 फरवरी 2009 को न्यू जर्सी, अमेरिका में हुआ था। उन्होंने मात्र ढाई साल की उम्र में चेस खेलना शुरू कर दिया था, जब उनके पिता ने उन्हें पहली बार शतरंज से परिचित कराया। वो अमेरिका की ओर से खेलते हैं और देश के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर्स में से एक हैं। 2021 में, अभिमन्यु ने दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था।

7 साल की उम्र में रचा था पहला रिकॉर्ड

अभिमन्यु ने केवल 7 साल, 6 महीने और 22 दिन की उम्र में 2000 USCF रेटिंग हासिल कर ली थी। इसी के साथ उन्होंने ग्रैंडमास्टर एवंडर लियांग का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसके अलावा, साल 2019 में मात्र 10 साल की उम्र में, वे सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर भी बन गए थे। तब से लेकर अब तक अभिमन्यु ने एक के बाद एक कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

गुकेश को हराने के बाद क्या बोले अभिमन्यु?

गुकेश को हराने के बाद अभिमन्यु ने कहा

“भले ही मैंने यह मैच जीत लिया, लेकिन ये मेरी पिछली जीतों जैसा क्लीन गेम नहीं था। टूर्नामेंट उम्मीद से बेहतर चल रहा है। अगर मैं यही फॉर्म बरकरार रखता हूं, तो जीत की पूरी संभावना है। कल प्राग के खिलाफ मैंने कुछ गलतियां की थीं, लेकिन मुझे कभी नहीं लगा कि मैं इन टॉप खिलाड़ियों से कमजोर हूं। मैं मानता हूं कि मैं उनके बराबर हूं।”

कम उम्र, बड़ा खेल

अभिमन्यु मिश्रा इस वक्त केवल 16 साल के हैं, लेकिन उनका आत्मविश्वास और खेल की समझ किसी अनुभवी खिलाड़ी से कम नहीं है। उनकी यह जीत सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि यह दिखाती है कि नई पीढ़ी शतरंज जैसे बौद्धिक खेल में भी इतिहास रचने का दम रखती है।

अभिमन्यु मिश्रा ने जिस तरह से वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश को हराया है, वह भारतीय और वैश्विक शतरंज प्रेमियों के लिए गर्व की बात है। वह आने वाले समय में और भी बड़े टूर्नामेंट्स में चौंकाने वाली उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। निश्चित रूप से, यह नाम आगे भी बार-बार सुनाई देगा।

 


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Content Editor

Priya Yadav

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