Katrina रचाएंगी हाथों में 1 लाख वाली खास राजस्थानी मेहंदी, जानिए क्या है इसकी खासियत

punjabkesari.in Saturday, Nov 27, 2021 - 04:56 PM (IST)

बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल और एक्ट्रेस कटरीना कैफ की शादी इन दिनों सुर्खियां बनी हुई। जैसे -जैसे उनकी शादी की डेट नजदीक आ रही हैं, लोगों की बेताबी उतनी ही बढ़ती जा रही है। कहा जाता है कि दोनों 7, 8 और 9 दिसंबर को दोनों हिंदू व कैथोलिक रिवाज से शादी करेंगे। इससे पहले दोनों कोर्ट मैरिज करवाएंगे। विक्की और कैटरीना अपनी शादी में खूब खर्चा कर रहे हैं। उन्होंने शादी के लिए सबसे महंगे रिजॉर्ट को बुक किया है। यहां तक कि कैटरीना के हाथों में जो मेहंदी लगेगी वो भी राजस्थान की स्पेशल मेहंदी है, जिसका खर्च करीब एक लाख रुपए है। 

एक लाख है मेहंदी की कीमत

खबरों की मानें तो कैटरीना कैफ अपने हाथों में सोजत मेहंदी रचाएंगी जो जोधपुर के पाली क्षेत्र से भेजी जाएगी। कैटरीना को यह मेहंदी सोजत कलाकार की ओर से गिफ्ट की जा रही है, जिसकी कीमत 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक होती है। मगर, बिजनेसमैन उनसे कोई पैसा नहीं लेंगे। कैटरीना-विक्की ने मेहंदी के सैंपल को भी पास कर दिया है।

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पूरी तरह ऑर्गेनिक है सोजत की हिना

बता दें कि दुनियाभर में सोजत मेहंदी के लिए एक खास जगह है क्योंकि इसमें किसी भी तरह का कोई केमिकल मिक्स नहीं किया जाता। वहीं, आमतौर पर महेंदी पिसने के लिए मशीनों का यूज किया जाता है लेकिन इसकी पिसाई हाथों से ही होती है। यही नहीं, इस मेहंदी को तीन बार फिल्टर कर तैयार किया जाता है। सोजत कारीगर ने स्वाभाविक रूप से मेहंदी बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है।

विक्की-कैट ने दिए 20 कि.लो. मेहंदी के ऑर्डर

विक्की-कैट ने सोजत व्यापारी नीतीश अग्रवाल की फर्म 'नेचुरल हर्बल' को शादी के लिए 20 कि.लो. मेहंदी पाउडर और 400 मेहंदी कीप का ऑर्डर दिया है। बता दें कि इससे पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या बच्चन और प्रियंका निक जोनस भी अपने हाथ में सोजत की खास मेहंदी रचा चुकी हैं।

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मेहंदी को मिल चुका है जीआई टैग

सोजत भारत की सबसे बड़ी मेहंदी मंडी हैं। यहां मेहंदी का 90% हिस्सा निर्यात किया जाता है इसलिए सोजत को 'मेहंदी नगरी' के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, राजस्थान पाली जिले की सोजत मेहंदी अपनी रंगत और अलग खुशबू के लिए पहचानी जाती है, जिसके लिए नैचुरल ऑयल यूज होता है। यही नहीं, इस मेहंदी को भौगोलिक संकेतक टैग (जीआई टैग) भी मिल चुका है। बता दें कि जीआई टैग उन खास प्रोडक्ट्स को दिया जाता है, जो किसी क्षेत्र में अलग तरीके से बनाई जाती हो। यह केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाला एक तरह का पेटेंट होता है।

साल में एक बार की जाती है फसल की बुवाई

मेहंदी की फसलों की कटाई करने के लिए यहां राजस्थान सहित मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार व कई राज्यों से मजदूर आते हैं। हजारों मजदूरों मिलकर एक महीने में मेहंदी की फसल की कटाई का काम पूरा करते हैं। खास बात यह है कि यहां मेहंदी की बुवाई सिर्फ एक ही बार की जाती है, जिसका काम सालों तक चलता है।

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Content Writer

Anjali Rajput

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