Karwa Chauth 2024: पूजा का शुभ मुहूर्त और भद्रा का साया कब? जानिए सबकुछ
punjabkesari.in Tuesday, Oct 15, 2024 - 11:32 AM (IST)
नारी डेस्क: करवा चौथ 2024 का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जो पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत करती हैं। इस साल करवा चौथ का त्योहार 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा, लेकिन इस बार एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन भद्रा काल भी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस लेख में हम करवा चौथ के सही मुहूर्त, पूजा विधि और भद्रा के समय के बारे में जानेंगे ताकि आप इस पावन व्रत को पूरी श्रद्धा और सही समय पर कर सकें।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का त्योहार भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना पानी और भोजन के व्रत रखती हैं और शाम को चंद्र दर्शन के बाद अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। व्रत के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, और देवी करवा की पूजा करती हैं। यह व्रत न केवल पति की दीर्घायु के लिए बल्कि दांपत्य जीवन की सुख-शांति के लिए भी किया जाता है।
करवा चौथ 2024 की तारीख और तिथि
इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 6:46 बजे होगी, और यह तिथि 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 4:16 बजे समाप्त होगी। इसलिए, उदयातिथि के आधार पर करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन देवी-देवताओं की पूजा का शुभ समय शाम को होता है। इस वर्ष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:46 बजे से लेकर 7:02 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान देवी पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और देवी करवा की पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इस पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
ये भी पढ़ें: शाकाहारी मानकर खाने वाली ये 10 चीजें असल में हैं नॉन-वेज!
करवा चौथ पर चंद्रमा का उदय समय
चंद्र दर्शन करवा चौथ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। पंचांग के अनुसार, चंद्रमा का उदय 7:44 बजे होने की संभावना है। इसके बाद महिलाएं छलनी से चंद्रमा और फिर अपने पति को देखकर व्रत खोलती हैं। व्रत का पारण यानी व्रत समाप्ति का समय 7:53 बजे के बाद होगा। इस समय के बाद महिलाएं जल या भोजन ग्रहण कर सकती हैं।
भद्रा का साया और इसका महत्व
इस साल करवा चौथ पर भद्रा काल का समय भी रहेगा, जो किसी भी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है। इस वर्ष भद्रा काल का समय 20 अक्टूबर को सुबह 6:25 बजे से लेकर 6:46 बजे तक रहेगा। भद्रा का वास स्वर्ग में होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि भद्रा काल में किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होने की संभावना कम होती है। इस समय पूजा या व्रत से जुड़े किसी भी कार्य को करने से बचना चाहिए।
करवा चौथ पूजा विधि
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह स्नान करके भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, और देवी करवा की पूजा करती हैं। पूजा के समय एक करवा में जल भरकर रखा जाता है और देवी करवा की विधिवत पूजा की जाती है। इस दिन सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व होता है। महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं और संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण करती हैं। पति की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए किए गए इस व्रत को अत्यंत फलदायी माना गया है।
करवा चौथ व्रत के लाभ
करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है और इसे सुहागिनों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह व्रत दांपत्य जीवन में सुख और शांति लाता है। इस व्रत से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है। यह व्रत महिलाओं के दृढ़ संकल्प और श्रद्धा को दर्शाता है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस साल करवा चौथ के शुभ अवसर पर इन बातों का ध्यान रखकर आप व्रत को सही समय और विधि से पूरा कर सकती हैं। भद्रा काल के समय कोई भी पूजा या शुभ कार्य न करें और चंद्रमा के उदय के बाद ही व्रत खोलें।