नहीं रही कन्नड़  सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार, बना चुकी है 161 फिल्मों में लगातार लीड रोल का वर्ल्ड रिकॉर्ड

punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 11:43 AM (IST)

नारी डेस्क: फिल्म जगत से एक और बुरी खबर सामने आई है। दिग्गज दक्षिण भारतीय अभिनेत्री बी. सरोजा देवी अब इस दुनिया में नहीं रही। उन्होंने  87 की उम्र में अंतिम सांस ली। सूत्रों के अनुसार, बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित आवास पर उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनका निधन हो गया।सरोजा देवी ने साड़ी, जूलरी और हेयरस्टाइल से 60 के दशक में ट्रेंड सेट किया था। 
 

यह भी पढ़ें:  बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल की टूटी शादी
 

राष्ट्रीय पुरस्कार कर चुकी हैं अपने नाम

तमिल में सरोजा देवी  प्यार से ‘कन्नड़तु पैंगिली' (कन्नड़ का तोता) कहा जाता था। उन्होंने 17 साल की उम्र में कन्नड़ फिल्म ‘महाकवि कालिदास' (1955) से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। अदाकारा को कन्नड़ सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार के रूप में भी जाना जाता है। पहली ही फिल्म में अपने अभिनय के लिए अभिनेत्री ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। 
PunjabKesari

शम्मी कपूर और सुनील दत्त के साथ भी किया काम

सरोजा देवी ने फिल्मी दुनिया में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया और 50 के दशक से लेकर 80 के दशक तक कन्नड़ और तेलुगू सिनेमा की टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार रहीं। वह साल 1955 से 1984 के बीच 29 साल तक लगातार 161 फिल्मों में लीड रोल प्ले करने वालीं एकमात्र भारतीय एक्ट्रेस रही हैं।  सरोजा देवी ने साल 1959 में हिंदी फिल्म 'पैगाम' में दिलीप कुमार के साथ काम किया और उनकी जोड़ी खूब पसंद की गई। अपने करियर में उन्होंने दिलीप कुमार के अलावा राज कपूर, शम्मी कपूर और सुनील दत्त जैसे हिंदी फिल्म स्टार्स संग काम किया। वह  उन बहुत कम हीरोइनों में से एक हैं, जिन्होंने 1950 के दशक में कन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी में एक्टिंग की। 
PunjabKesari

सरोजा देवी के हेयरस्टाइल की दिवानी थी लड़कियां 

सरोजा देवी का लड़कियों और महिलाओं पर क्रेज इस कदर हावी था कि वो उन्हीं की तरह साड़ी पहनतीं और वैसा ही हेयरस्टाइल करतीं, जूलरी पहनतीं। एक अन्य दिग्गज अभिनेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. जी. रामचंद्रन के साथ उनकी तमिल फिल्म ‘नादोडी मन्नान' (1958) ने उन्हें तमिल सिनेमा की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक बना दिया। वर्ष 1967 में शादी के बाद भी सरोजा देवी की खासकर तमिल फिल्म उद्योग में मांग बनी रही। उन्हें ‘अभिनय सरस्वती' भी कहा जाता था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static