Jyoti Malhotra से पूछताछ में बड़ा खुलासा, मोबाइल और लैपटॉप से मिलेगी खुफिया जानकारी
punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 12:08 PM (IST)

नारी डेस्क: जैसे-जैसे ज्योति मल्होत्रा से पूछताछ बढ़ रही है, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा चलाए गए एक गहरे और संगठित जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश हो रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), खुफिया ब्यूरो (IB) और हरियाणा पुलिस द्वारा की जा रही संयुक्त पूछताछ में यह सामने आया है कि ज्योति, जो पहले एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर थी, समय के साथ ISI के जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बन गई।
ISI नेटवर्क का खुलासा
अधिकारियों के अनुसार, ज्योति की गिरफ्तारी के बाद यह पता चला कि ISI ने भारत में एक छिपा हुआ जासूसी नेटवर्क फैलाया हुआ था। इस नेटवर्क का उद्देश्य भारत विरोधी विचार फैलाना, खुफिया जानकारी जुटाना और डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर गुप्त तरीके से घुसपैठ करना था। यह सब प्रभावशाली व्यक्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के माध्यम से किया जा रहा था। वर्तमान में हिरासत में चल रही ज्योति मल्होत्रा के बयान जांच एजेंसियों के अनुसार लगातार बदल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात खुफिया ऑपरेटिव दानिश के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को लेकर झूठ बोलती रही है। दानिश, जिसे अब पर्सोना नॉन ग्रेटा घोषित कर पाकिस्तान वापस भेजा जा चुका है, कथित रूप से इंडोनेशिया में भी गुप्त रूप से कार्यरत था।
सबूत मिटाने की कोशिश
जांच में यह भी सामने आया कि ज्योति ने अपने मोबाइल फोन से दानिश के साथ हुई कई संवेदनशील चैट्स को डिलीट कर दिया था। इन चैट्स में "ऑपरेशन सिंदूर" और उसके घर हिसार में हुए "ब्लैकआउट" से संबंधित बातचीत शामिल थी। इस दौरान दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि डिलीट किए गए डेटा को पुनः प्राप्त किया जा सके।
संदिग्ध यात्राएं और झूठे दावे
ज्योति की यात्रा गतिविधियां भी जांच के घेरे में हैं। उसने सार्वजनिक रूप से अपनी यात्राओं को "धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों" के रूप में बताया लेकिन सबूतों से पता चला है कि वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पहुंच चुकी थी। यह क्षेत्र आतंकवादी गतिविधियों और सुरक्षा खतरे के लिए जाना जाता है, और उसके वहां पहुंचने पर कई सवाल उठते हैं।
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हरकीरत के माध्यम से ISI से जुड़ाव
सूत्रों के अनुसार, ज्योति की मुलाकात दानिश से हरकीरत नाम के एक व्यक्ति ने करवाई थी। इसके बाद ज्योति धीरे-धीरे एक YouTuber से ISI एजेंडा चलाने वाली जासूस बन गई। एक चौंकाने वाले कबूलनामे में ज्योति ने यह स्वीकार किया कि वह छह पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के सीधे संपर्क में थी। उसे संवेदनशील स्थानों के फोटो, वीडियो और डेटा एकत्र करने जैसे कार्य सौंपे गए थे। एजेंसियां अब ज्योति की विदेश यात्राओं का बारीकी से विश्लेषण कर रही हैं। अब तक वह पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दुबई, थाईलैंड, नेपाल और भूटान की यात्रा कर चुकी है। विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन की यात्राएं संदेह के घेरे में हैं। अधिकारियों को शक है कि ये यात्राएं अन्य विदेशी एजेंटों के साथ समन्वय में की गई हो सकती हैं।
पाकिस्तान में 14 दिन की यात्रा पर सवाल
ज्योति ने पाकिस्तान में 14 दिन बिताए और दावा किया कि उसने “स्थानीय समुदायों की यात्रा की और उनके वीडियो बनाए।” लेकिन एजेंसियों को संदेह है कि इस अवधि में गुप्त बैठकें, निगरानी कार्य और संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान भी किया गया था। उसकी गतिविधियों का सत्यापन कॉल डिटेल रिकॉर्ड, ट्रैवल लॉग और फोटेज के जरिए किया जा रहा है।
यह पूरी जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि ज्योति मल्होत्रा के कथित जासूसी नेटवर्क का खुलासा होने से ISI के द्वारा भारत में खुफिया जानकारी जुटाने और विरोधी गतिविधियों को फैलाने के खतरनाक संकेत मिल रहे हैं।