जंक फूड खाने से 11वीं छात्रा की चिपक गईं आंतें, हार्टफेल से हुई मौत, AIIMS के डॉक्टर बोले...

punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 12:08 PM (IST)

नारी डेस्क: उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 11वीं कक्षा में पढ़ रही 16 वर्षीय छात्रा की आंतों के इंफेक्शन के कारण मौत हो गई। डॉक्टरों के अनुसार, उसकी आंतें आपस में चिपक गई थीं और पाचन तंत्र पूरी तरह से डैमेज हो चुका था। छात्रा का इलाज AIIMS में सर्जरी के जरिए किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

बताया जा रहा है कि उसकी डाइटरी आदतें बेहद खराब थीं। वह रोज़ घर का पौष्टिक खाना खाने की बजाय बाहर का जंक फूड जैसे चाउमीन, मैगी, पिज्जा और अन्य फास्ट फूड्स खाती थी। यह मामला हमें चेतावनी देता है कि अनहेल्दी डाइट के कारण पाचन तंत्र पर कितना गंभीर असर पड़ सकता है।

जंक फूड खाने के गंभीर खतरे

दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर असर

जंक फूड केवल शरीर पर ही नहीं, बल्कि दिमाग पर भी बुरा असर डालता है। जब हम जंक फूड खाते हैं, तो हमारा शरीर डोपामिन हार्मोन रिलीज करता है। यही हार्मोन हमें खुशी का एहसास कराता है और इसे बार-बार खाने की आदत लग जाती है। समय के साथ यह एडिक्शन बन जाता है।

इसके अलावा, जंक फूड में मौजूद अधिक फैट और कम पोषण तत्व ब्रेन के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। लगातार जंक फूड खाने से ब्रेन की केमिकल बैलेंस बिगड़ती है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत, मूड स्विंग्स और मानसिक थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

 कैंसर का खतरा

जंक फूड में अक्सर रिफाइंड फ्लोर, शुगर, प्रिज़र्वेटिव्स और पेस्टिसाइड्स होते हैं। लंबे समय तक इनका सेवन हमारे शरीर में टॉक्सिंस जमा करता है। ये टॉक्सिंस और रिफाइंड फ्लार लंबे समय में कैंसर सेल्स के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।

बच्चों और किशोरों में यह खतरा ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि उनका शरीर अभी विकसित हो रहा होता है और पाचन तंत्र इतना मजबूत नहीं होता। यही कारण है कि जंक फूड केवल मोटापा ही नहीं, बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।

मोटापा और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं

जंक फूड में तेल, मसाले और शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है। लगातार इसका सेवन करने से वजन बढ़ता है, यानी मोटापा बढ़ता है। मोटापा केवल दिखने की समस्या नहीं है, बल्कि यह दिल की बीमारियों, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं की जड़ बन सकता है।

इसके अलावा, मोटापे से बच्चे और किशोर शारीरिक गतिविधियों में कम सक्रिय रहते हैं, जिससे उनकी मांसपेशियों की मजबूती भी कम हो जाती है। यह पूरी तरह से जीवनशैली को प्रभावित कर सकता है।

किडनी और लीवर पर असर

जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद सोडियम, प्रिज़र्वेटिव्स और हानिकारक केमिकल्स किडनी और लीवर पर भी दबाव डालते हैं। बच्चों और किशोरों में लंबे समय तक जंक फूड खाने से किडनी डैमेज, लीवर की कार्यक्षमता में कमी और शरीर में टॉक्सिन जमा होने का खतरा रहता है।

किडनी और लीवर शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। जब ये अंग कमजोर हो जाते हैं, तो शरीर से टॉक्सिन्स सही से बाहर नहीं निकल पाते, जिससे कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं।

कोलेस्ट्रॉल और दिल की सेहत पर असर

जंक फूड में उच्च मात्रा में सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट मौजूद होता है। इससे LDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और HDL कोलेस्ट्रॉल घटता है। इसका असर सीधा दिल और ब्लड वेसल्स पर पड़ता है। लंबे समय तक जंक फूड खाने से हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर और अन्य कार्डियोवैस्कुलर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए केवल स्वाद के लिए जंक फूड का सेवन करना आपके भविष्य के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

आंतों और पाचन तंत्र पर असर

जंक फूड में फाइबर की कमी होती है। फाइबर हमारी पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है और शरीर से मल को बाहर निकालने में मदद करता है। फाइबर की कमी से पाचन धीमा हो जाता है, कब्ज़ बढ़ती है, और मल शरीर में लंबे समय तक रहता है। लगातार कब्ज होने पर बवासीर, रेक्टम डैमेज और आंतों में इंफ्लेमेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जंक फूड से गट बैक्टीरिया असंतुलित हो जाते हैं और पाचन प्रणाली कमजोर पड़ जाती है। इससे शरीर में पोषण का अवशोषण भी प्रभावित होता है।

विशेषज्ञों की सलाह

बच्चों और किशोरों को बाहर का खाना कम खाना चाहिए। घर का पौष्टिक खाना, हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज प्राथमिकता हो। रोजाना पर्याप्त पानी पीना और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय रहना जरूरी है। पाचन में कोई समस्या या लगातार कब्ज होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

जंक फूड केवल स्वादिष्ट नहीं, बल्कि लंबे समय में साइलेंट किलर भी बन सकता है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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