कोरोना काल में नौकरी का सुनहरा मौका, वर्क फ्रॉम होम की भी मिलेगी सुविधा

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2020 - 01:41 PM (IST)

कोरोना महामारी ने जहां लोगों को सेहत संबंधी दिक्कते दी हैं, वहीं पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था भी इस वैश्विक महामारी के चलते डगमगा गई है। लॉकडाउन के चलते कारोबार के कारोबार ठप्प पड़ गए हैं वहीं कइयों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। ऐसे ही पढ़े-लिखे बेरोजगार के लिए सुनहरा मौका लेकर आई है जौरी हेल्थ केयर पार्टनर्स कंपनी  (Jorie Healthcare Partners)। यूएस, शिकागो बेस्ड जौरी हेल्थकेयर, एक आउट सोर्सिंग मेडिकल बिलिंग सर्विस कंपनी है जो  हॉस्पिटल व क्लाइंट के बीच में इंश्योरेंस संबंधी वित्तीय सेवाएं मेनेज करने का काम करती है।

एक्सपीरियेंस और फ्रैशर, दोनों ही कर सकते हैं ट्राई

जौरी हेल्थकेयर की सीईओ अनीता सुमरा सिंह ने पंजाब केसरी से की गई खास बातचीत में बताया कि जौरी खासतौर पर पंजाब चंडीगढ़ के लोगों के लिए यह खास मौका इसलिए लेकर आई हैं क्योंकि वह खुद पंजाब चंडीगढ़ में पली-बढ़ी हैं। वह पिछले 20 सालों से इस हेल्थकेयर कंपनी से जुड़ी हैं और कंपनी लंबे समय से भारत के दक्षिण हिस्से जैसे हैदराबाद, दिल्ली के आऊटसोर्स विक्रेता से जुड़ी हुई हैं। वहीं पंजाब के टेलेंटेड और हार्ड वर्कर लोगों को भी वह खास मौका देना चाहते हैं। इसी के साथ अनीता सुमरा तकरीबन 10 सालों के लिए 'सेव ए मदर ’ एनजीओ की अध्यक्ष भी रह चुकी है , जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए काम करती हैं।

बता दें कि जौरी एक हेल्थ केयर, रेवन्यू साइकिल मेनजमेंट कंपनी हैं जो ऐसे लोगों की तलाश में हैं जिनमे बेसिक स्किल्स होती हैं व जो काम के प्रति उत्साही व मेहनती होते हैं। इसमें कॉलेज स्टूडेंट, ग्रेजुएटेड लोग शामिल हैं। कंपनी द्वारा उन्हें पूरी ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें एक्सपीरियेंस व फ्रेशर दोनों ही लोगों के लिए शामिल होंगे। सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि भारत के अन्य राज्यों में भी यह अवसर दिए जा रहे हैं। कोविड पीरियड में लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी दी गई है।

जॉब के लिए कैसे कर सकते हैं अप्लाई

नौकरी के इच्छुक लोग जौरी हेल्थकेयर की ऑफिशल वेबसाइड व जौरी हेल्थकेयर के अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए ऑनलाइन जॉब अप्लाई कर सकते हैं।

असफलता कोई विकल्प नहीं , मेहनत ही सबसे बड़ी कुंजीः अनीता सुमरा सिंह

अनीता सुमरा सिंह ने अपनी सफलता की कूंजी मेहनत को ही बताया। उन्होंने बताया कि सीईओ बनने के लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत की हालांकि इस बीच बहुत से चेलेंज भी आए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकि असफलता कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने अपने करियर और फेमिली को बेलेंस किया और इस काम में उन्हें फेमिली का पूरा स्पोर्ट भी मिला। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों से भाग कर नहीं। फैमिली और करियर को बेलेंस करके चलें। भले ही महिलाएं इमोशनल होती हैं लेकिन जब कुछ कर गुजरने की चाह रख लेती हैं तो वह बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को भी आसानी से पार कर लेती हैं।

लीडरशिप और श्रेष्ठता के लिए सिंह की प्रतिबद्धता, काम के प्रति उनके समर्पण और कर्मचारियों से उनके तालमेल में झलकती है। उन्हें 'सेव ए मदर' फाउंडेशन का अध्यक्ष चुना गया और लगभग एक दशक तक उन्होंने उसमें जरूरी सुधार किये, जब तक वो स्वतंत्र रूप से काम करने में सक्षम न हो जाए।उनकी देखरेख में जूरी हेल्थकेयर इंडिया ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करके दोबारा इस्तेमाल होने वाली कांच की बोतलों और रिसाइकिलिंग कोस्टर को अपनाया। वह कंपनी की ग्रोथ और विज़न को आगे बढ़ाते हुए उसे विश्व स्तरीय रेवेन्यू साइकिल मैनेजमेंट सोलूशन्स प्रोवाइडर बनाने में सहायक रही हैं।

 

 


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Content Writer

Vandana

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