क्या शादी से पहले कुंडली मिलाना जरूरी है? प्रेमानंद जी महाराज ने हंसते हुए कही ये बात
punjabkesari.in Tuesday, Mar 18, 2025 - 06:57 PM (IST)

नारी डेस्क: जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो माता-पिता सबसे पहले उसकी कुंडली या जन्मपत्री बनवाते हैं। इससे यह पता चलता है कि बच्चा बड़े होने पर कैसा होगा, उसकी शादीशुदा जिंदगी कैसी होगी, और उसके करियर में कितनी तरक्की होगी। इसके अलावा, कुंडली से यह भी जानने की कोशिश की जाती है कि बच्चा किस ग्रह दोष या संकट से प्रभावित हो सकता है। खासकर शादी के समय, लड़का-लड़की की कुंडली मिलाई जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके बीच कितना मेल है और क्या उनका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा। हिंदू धर्म में शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन की कुंडली मिलाई जाती है। यह देखा जाता है कि दोनों के गुण मिलते हैं या नहीं। इसके अलावा, यह भी देखा जाता है कि क्या कोई मंगल दोष है, जो शादी में परेशानी का कारण बन सकता है।
आजकल, कई लोग लव मैरिज करते हैं और वे कुंडली मिलाने में विश्वास नहीं रखते। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कुंडली बनवाना अब भी जरूरी है? इस सवाल का जवाब एक महिला ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा।
प्रेमानंद जी महाराज का इस पर क्या कहना
प्रेमानंद जी महाराज ने हंसते हुए कहा कि शादी के मामले में कुंडली मिलाना जरूरी हो सकता है, लेकिन आजकल यह सब पुराने समय की बातें लगती हैं। अब लोग लव मैरिज करते हैं, तो वहां कुंडली की कोई अहमियत नहीं होती। वे आगे कहते हैं कि जिनकी कुंडली ज्यादा मिलती है, उनके बीच भी लड़ाइयां हो रही हैं।
प्रेमानंद जी महाराज ने समझाया कि लड़ाइयाँ तब तक नहीं रुकेंगी, जब तक मन में अच्छे विचार न हों। कुंडली से कुछ नहीं होने वाला। अगर व्यक्ति का व्यवहार अच्छा हो, तो वैवाहिक जीवन शांतिपूर्ण रहेगा। वे कहते हैं, "अगर पत्नी गुस्से में है, तो पति को शांत रहना चाहिए, और यदि पत्नी किसी कारण से असंतुष्ट है, तो पति को संतुष्ट करने की कोशिश करनी चाहिए।"
सद्विचार और चरित्र का महत्व
वे यह भी कहते हैं कि अगर दोनों का चरित्र पवित्र है, तो किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है। लेकिन अगर किसी का चरित्र खराब है, तो संबंध नहीं चल सकते।
इस तरह, प्रेमानंद जी महाराज का संदेश था कि कुंडली से ज्यादा महत्वपूर्ण है दोनों का चरित्र और विचार। यदि दोनों पति-पत्नी अच्छे विचारों के साथ एक-दूसरे के साथ रहते हैं, तो उनका जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण होगा।