इस गांव में आज भी नहीं बनी सड़क, गर्भवती महिलाओं को खाट पर ले जाना पड़ता है अस्पताल
punjabkesari.in Monday, Sep 01, 2025 - 05:31 PM (IST)

नारी डेस्क: झारखंड के गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड के खटोरी पंचायत के जेवड़ा नामक गांव में आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव है। इस वजह से गांव के लोगों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हाल ही में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर एम्बुलेंस या किसी वाहन का सहारा नहीं मिलने की वजह से खाट (खटिया) पर लेटाकर कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा। यह घटना गांव की बदहाली और विकास की कमी को बखूबी दर्शाती है।
प्रसव पीड़ा में महिला को खाट पर ले जाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा
मिली जानकारी के अनुसार, 19 साल की सलगी मुर्मू, जो कि नरेश सोरेन की पत्नी हैं, गर्भवती थीं और अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। लेकिन गांव में सड़क नहीं होने की वजह से कोई वाहन वहां तक नहीं पहुंच पाया। इसलिए परिजन और ग्रामीणों ने मिलकर सलगी को खाट पर लेटाकर कंधे पर उठाया और मुख्य सड़क तक पहुंचाया। उसके बाद तीसरी स्थिति के स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।
झारखंड का वो इलाक़ा जहां ना तो सड़क है, ना पानी और ना अस्पताल...
— BBC News Hindi (@BBCHindi) November 15, 2024
आज भी मरीज़ को खाट पर लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चलकर अस्पताल में भर्ती कराने को मजबूर पहाड़िया समुदाय की तकलीफ़ें...
रिपोर्ट: विष्णुकांत तिवारी
कैमरा: रणवीर भगत
एडिट: शाहनवाज़ अहमद pic.twitter.com/4oKPllunnQ
आजादी के बाद से नहीं बनी सड़क, बरसात में और बढ़ जाती है मुश्किलें
यह गांव आजादी के बाद से अब तक सड़क सुविधा से वंचित है। यहां जाने के लिए एक नदी पार करनी पड़ती है। खासकर बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे पूरा गांव एक टापू की तरह अलग हो जाता है और आने-जाने के रास्ते बंद हो जाते हैं। इससे गांव के लोगों को विशेषकर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
कई बार सरकार से मांग करने के बावजूद नहीं हुआ विकास
गांव के लोगों का कहना है कि इस इलाके की समस्या को लेकर कई बार सरकार के आला अधिकारी और विधायक गांव का दौरा कर चुके हैं। जब वर्तमान प्रधान सचिव वंदना डडेल गिरिडीह जिला के उपायुक्त थीं, तब भी उन्होंने गांव का दौरा किया था। इसके अलावा तीन बार विधायक रहे केदार हजरा भी इस गांव आ चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके अभी तक यहां सड़क जैसी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं हो पाई है।
झारखंड का वो इलाक़ा जहां ना तो सड़क है, ना पानी और ना अस्पताल...
— BBC News Hindi (@BBCHindi) November 15, 2024
आज भी मरीज़ को खाट पर लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चलकर अस्पताल में भर्ती कराने को मजबूर पहाड़िया समुदाय की तकलीफ़ें...
रिपोर्ट: विष्णुकांत तिवारी
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ग्रामीणों की दिक्कतें और मूलभूत सुविधाओं की कमी
गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। न सही सड़क है, न ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, जिससे उनकी जिंदगी बहुत कठिन हो गई है। बरसात के दिनों में तो हालत और भी खराब हो जाती है। इस गांव की हालत झारखंड के उन कई पिछड़े इलाकों की कहानी कहती है, जहां विकास की रफ्तार धीमी होने की वजह से लोग बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं।
झारखंड के गिरिडीह जिले के जेवड़ा गांव की यह कहानी यह बताती है कि आज भी हमारे देश में कई जगहों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां की जनता सड़कों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है। सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह जल्द से जल्द इस गांव की समस्या का समाधान करे ताकि गांव के लोग बेहतर जीवन जी सकें।