पहली बार यहां मनाया गया था International Women's Day, जानिए कैसे हुई शुरुआत
punjabkesari.in Tuesday, Mar 07, 2023 - 06:33 PM (IST)
महिलाओं की ताकत का जश्न मनाने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आज महिलाएं हर किसी क्षेत्र में आगे जा रही हैं और सफलता हासिल कर रही हैं। घर-परिवार के साथ ऑफिस की जिम्मेदारियां भी संभाल रही हैं। ऐसे में महिलाओं को सम्मान देने के लिए 8 मार्च का दिन चुना गया। महिलाओं के योगदान की सराहना करने के लिए ये दिन महिलाओं को समर्पित है। लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई और इस बार महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस किस थीम के अंतर्गत मनाया जा रहा है। आज आपको इसके बारे में बताएंगे...
ऐसे हुई थी शुरुआत
साल 1908 में न्यूयॉर्क में करीबन 12-15 हजार महिलाओं ने एक रैली निकाली थी। इस रैली को निकालने का मुख्य उद्देश्य था कि नौकरी के कुछ घंटे कम किए जाएं, सैलरी उनके काम के अनुसार दी जाए और उन्हें वोट देने का अधिकार दिया जाए। इस आंदोलन के करीबन 1 साल बाद अमेरिका के सोशलिस्ट पार्टी ने पहला वुमेन्स डे मनाने की घोषणा की थी जिसके बाद साल 1911 में डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, जर्मनी में पहला महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया गया था। इसके बाद 8 मार्च 1975 में महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता मिल गई। उसी के बाद से युनाइटेड नेशंस में हर साल एक स्पेशल थीम के अंतर्गत यह दिन मनाया जाता है।
क्या है इस दिन को मनाने का कारण
इंटरनेश्नल वुमेन्स डे मनाने का सिर्फ एक ही कारण है कि महिलाओं को समाज में पुरुषों के समान दर्जा मिल सके उन्हें सारे अधिकार दिए जाएं जो उनका अधिकार है। किसी भी क्षेत्र में महिलाओं के साथ कोई भेदभाव न किया जाए। वहीं कई देशों में इस दिन महिलाओं को ऑफिस में हॉफ डे दिया जाता है और इस दिन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के लिए कई कार्यक्रम, कैपेंन भी चलाए जाते हैं।
ये है इस बार की थीम
हर साल इन खास दिनों को मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'एम्ब्रेसइक्विटी' रखी गई है। इसका अर्थ है कि लैंगिक समानता पर ध्यान देना। महिलाओं के साथ किसी भी तरह का कोई भेदभाव न किया जाए इसलिए यह थीम रखी गई है।