इन 5 लोगों को सबसे ज्यादा होता है, Heart Attack का खतरा!
punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 10:46 AM (IST)

नारी डेस्क: आजकल दिल की बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं और हार्ट अटैक का खतरा अब सिर्फ बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रह गया है। कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है हमारी बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान, तनाव और शारीरिक मेहनत की कमी। डॉक्टरों के मुताबिक कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और सही कदम उठाए जाएं, तो इस जानलेवा स्थिति से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा होता है और दिल का दौरा पड़ने पर क्या करना चाहिए।
किन 5 लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा?
हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग
जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) की समस्या होती है, उनके दिल को लगातार अधिक दबाव में काम करना पड़ता है। इससे दिल की मांसपेशियों पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है और खून की नलिकाएं धीरे-धीरे सख्त या संकरी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में नसों में ब्लॉकेज यानी अवरोध बनने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे हार्ट को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। यह स्थिति धीरे-धीरे हार्ट फेल्योर और अटैक का कारण बन सकती है। यदि ब्लड प्रेशर को समय पर नियंत्रित न किया जाए तो यह जानलेवा बन सकता है।
डायबिटीज के मरीज
डायबिटीज यानी मधुमेह के रोगियों के शरीर में शुगर की मात्रा लगातार अधिक बनी रहती है, जिससे खून की नसों की आंतरिक परत (endothelium) को नुकसान पहुंचता है। इससे नसों में सूजन और कठोरता आ जाती है, जो रक्त प्रवाह को बाधित करती है। नतीजा यह होता है कि दिल को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते। लंबे समय तक हाई शुगर लेवल हार्ट की कार्यक्षमता को कमजोर कर देता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक की आशंका को दोगुना कर देता है। डायबिटीज वाले मरीजों को दिल की बीमारियों का "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि कई बार लक्षण बिना दिखे ही नुकसान हो जाता है।
नशा करने वाले लोग
जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं या शराब, बीड़ी, गुटखा, या अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं, उनके खून की नसों में निकोटिन और अन्य जहरीले पदार्थ जमा हो जाते हैं। इससे नसें सिकुड़ जाती हैं और उनमें खून का प्रवाह बाधित हो जाता है। साथ ही, यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी बढ़ाता है, जिससे ब्लॉकेज की आशंका और बढ़ जाती है। लगातार नशा करने से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और हृदयघात का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। नशा छोड़ने से न सिर्फ हार्ट अटैक का खतरा घटता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
ओवरवेट या मोटापे वाले लोग
मोटापा यानी शरीर में जरूरत से ज्यादा चर्बी का जमा होना दिल के लिए बहुत खतरनाक होता है। अतिरिक्त वजन से दिल को पूरे शरीर में खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उसकी क्षमता पर असर पड़ता है। मोटापे के कारण शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ते हैं, जबकि गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) घटता है। इससे नसों में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण डायबिटीज भी हो सकती है। मोटापा अक्सर हाई ब्लड प्रेशर और फैटी लिवर जैसी दूसरी बीमारियों को भी जन्म देता है, जो दिल की सेहत पर बुरा असर डालती हैं।
जो एक्सरसाइज नहीं करते
जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहते, यानी दिनभर बैठकर काम करते हैं, चलना-फिरना कम होता है और कोई व्यायाम नहीं करते, उनके शरीर में मेटाबोलिज्म धीरे-धीरे सुस्त पड़ जाता है। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है, फैट जमा होने लगता है और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो सकता है। शारीरिक निष्क्रियता से हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और दिल की पंपिंग क्षमता भी कम हो सकती है। इसके अलावा, बैठे रहने की आदत से स्ट्रेस और मानसिक थकान भी बढ़ती है, जो हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण बनती है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्टिविटी जैसे तेज़ चलना, योग या हल्की एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती है।
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हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण
हार्ट अटैक से पहले शरीर कई तरह के संकेत देता है, जिन्हें पहचानना जरूरी है
छाती में दर्द या भारीपन
सांस फूलना या जल्दी थकान होना
तेज या अनियमित धड़कन
पैरों और टखनों में सूजन
चक्कर आना या बेहोश होना
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कौन-कौन से टेस्ट कराना जरूरी है?
ECG (Electrocardiogram): दिल की धड़कनों की गति और लय को मापता है।
Echo (Echocardiography): दिल की बनावट और पंपिंग क्षमता को दिखाता है।
TMT (Treadmill Test): व्यायाम करते समय दिल कैसे काम करता है, यह बताता है।
Angiography: नसों में ब्लॉकेज की जांच करता है और जरूरत पड़ने पर स्टेंट या बायपास की तैयारी करता है।
अगर हार्ट अटैक आ जाए तो क्या करें?
अगर किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले उसे शांत और सुरक्षित जगह पर लिटा देना चाहिए, ताकि शरीर पर अनावश्यक दबाव न पड़े। इसके तुरंत बाद एंबुलेंस या नजदीकी डॉक्टर को बुलाना बेहद जरूरी होता है। अस्पताल पहुंचने पर मरीज की स्थिति के अनुसार डॉक्टर दवाइयों, एंजियोप्लास्टी या बायपास सर्जरी जैसे इलाज करते हैं। ध्यान रखें कि हार्ट अटैक के मामले में समय ही सबसे बड़ा हथियार होता है, क्योंकि थोड़ी सी देरी दिल को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
हार्ट अटैक से बचने के आसान उपाय
हार्ट अटैक से बचने के लिए कुछ आसान लेकिन प्रभावी उपाय अपनाना जरूरी है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज करें, जैसे तेज़ चलना, योग या हल्की दौड़, जिससे दिल मजबूत बना रहे। शरीर का वजन नियंत्रित रखें और BMI को सामान्य रेंज में बनाए रखें। धूम्रपान और शराब जैसी आदतों से पूरी तरह दूरी बनाएं। अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, फाइबर और कम तेल-मसाले वाली चीजें शामिल करें ताकि दिल को सही पोषण मिले। मानसिक तनाव कम करने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) या मनपसंद गतिविधियों को समय दें। साथ ही, हर 6 महीने में एक बार ब्लड प्रेशर और शुगर की नियमित जांच जरूर कराएं ताकि किसी भी खतरे को समय रहते पहचाना जा सके।
हार्ट अटैक अब सिर्फ बीमारी नहीं, एक चेतावनी है कि आपकी जीवनशैली में बदलाव की जरूरत है। यदि समय रहते लक्षणों को पहचाना जाए और कुछ जरूरी आदतों को अपनाया जाए, तो इस जानलेवा बीमारी से खुद को और अपनों को बचाया जा सकता है।