अहमदाबाद क्रैश के बाद डर का माहौल! टेकऑफ से ठीक पहले एयर इंडिया पायलट को आया Panic Attack

punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 12:39 PM (IST)

नारी डेस्क: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (DEL) पर एक एयर इंडिया पायलट को टेकऑफ से ठीक पहले तेज घबराहट का दौरा पड़ा। यह घटना उस विमान के साथ हुई, जो ठीक एक दिन पहले एक भयानक दुर्घटना में शामिल हुआ था जिसमें 279 लोगों की मौत हो गई थी। यह पायलट फ्लाइट AI 157 को दिल्ली से कोपेनहेगन (Copenhagen - CPH) ले जाने वाला था। विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था। टेकऑफ से पहले पायलट ने कंट्रोल टावर को सूचना दी कि एक क्रू सदस्य की तबीयत खराब है। इसके बाद विमान को वापस टर्मिनल लाया गया। बाद में एक बदलाव पायलट के साथ फ्लाइट ने उड़ान भरी और दो घंटे तीस मिनट की देरी से डेनमार्क पहुँची।

दुर्घटना के बाद तनाव में एयर इंडिया के पायलट

यह घटना उस समय हुई जब एयर इंडिया के पायलटों में काफी तनाव और डर का माहौल बना हुआ है। इसकी वजह है कि फ्लाइट AI 171, जो कि अहमदाबाद से लंदन जा रही थी टेकऑफ के थोड़ी ही देर बाद क्रैश हो गई थी। इस हादसे में सभी 279 यात्रियों की मौत हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, इस हादसे के बाद कई पायलट मानसिक तनाव और चिंता महसूस कर रहे हैं। एक आंतरिक रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ पायलट बार-बार उस हादसे को अपने दिमाग में दोहराते हैं। एक पायलट ने तो यहां तक कहा कि वह शायद दोबारा उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है।

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एयर इंडिया ने जारी की मानसिक स्वास्थ्य के लिए सलाह

इस घटना के बाद एयर इंडिया ने अपने सभी फ्लाइट क्रू को मानसिक स्वास्थ्य सहायता लेने की सलाह दी है। इसमें "बडी सिस्टम" (buddy system) नाम का एक सहायक प्रोग्राम भी शामिल है जहां पायलट और क्रू एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। जिस पायलट को घबराहट का दौरा पड़ा था उसे अब पूरी मेडिकल जांच से गुजरना होगा। भारत की विमानन संस्था DGCA (Directorate General of Civil Aviation) के नियमों के अनुसार, हर व्यावसायिक पायलट को हर साल मेडिकल टेस्ट पास करना जरूरी होता है।

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एयर इंडिया में उड़ानों पर दिख रहा असर

यह घटना, AI 171 हादसे के बाद हुई सातवीं बड़ी उड़ान में रुकावट है। मंगलवार को फ्लाइट AI 143 (दिल्ली से पेरिस) को टेक्निकल जांच के दौरान खराबी मिलने पर रद्द कर दिया गया। इसके साथ ही पेरिस से वापसी वाली फ्लाइट भी रद्द करनी पड़ी। अहमदाबाद से लंदन (AMD–LHR) जाने वाली उसी रूट की उड़ानों को भी सस्पेंड किया गया है। हालांकि एयर इंडिया ने इसका कारण “एयरस्पेस पाबंदियां और सुरक्षा जांच” बताया, न कि कोई तकनीकी गड़बड़ी। सैन फ्रांसिस्को से मुंबई (SFO–BOM) जाने वाली फ्लाइट में कोलकाता में ईंधन भरते समय इंजन में समस्या आई, जिससे उड़ान में देरी हुई।

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क्रैश के 48 घंटों के भीतर एयर इंडिया ने 6 इंटरनेशनल फ्लाइट्स को ग्राउंडेड कर दिया। वहीं, हॉन्गकॉन्ग जा रही एक ड्रीमलाइनर फ्लाइट को तकनीकी खराबी के शक में बीच रास्ते से लौटना पड़ा। इसके अलावा फुकेत से दिल्ली आ रही फ्लाइट में बम की धमकी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।

यात्रियों की सुरक्षा और पायलटों का आत्मविश्वास बड़ी चुनौती

हालांकि एयर इंडिया ने पायलट के घबराहट वाले मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन एयरलाइन अब गंभीर सुरक्षा जांचों के घेरे में है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एयर इंडिया की लंबी दूरी की उड़ानों की रीढ़ है, इसलिए इन उड़ानों में लगातार आ रही रुकावटें airline के लिए चिंता का विषय हैं। जब तक पायलटों का आत्मविश्वास बहाल नहीं होता, तब तक यह संकट गहराता जा सकता है।

तकनीकी जांच और मानसिक स्वास्थ्य पर जोर

एयर इंडिया अब अपनी ड्रीमलाइनर फ्लीट की तकनीकी ऑडिट और पायलटों की मानसिक तैयारी की जांच करने जा रही है, ताकि यात्रियों का भरोसा वापस पाया जा सके। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया की 787-8 और 787-9 फ्लाइट्स, जो GE Aerospace के GEnx इंजन से लैस हैं, उन पर अतिरिक्त मेंटेनेंस जांच के आदेश दिए हैं। क्रैश साइट से फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल चुके हैं, जिनसे हादसे के कारणों का पता चलेगा।

यह घटना एयरलाइन इंडस्ट्री में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – क्या पायलटों की मानसिक सेहत को पर्याप्त महत्व दिया जा रहा है? और क्या विमानन कंपनियाँ ऐसे हादसों के बाद ऑपरेशनल स्थिरता बनाए रखने में सक्षम हैं?


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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