Salute! गोद में 2 हफ्ते की बेटी लिए काम पर पहुंची सौम्या, एक साथ निभा रही SDM और मां का फर्ज
punjabkesari.in Tuesday, Oct 13, 2020 - 01:49 PM (IST)
कोरोना काल में सबसे ज्यादा दवाब डॉक्टर्स व नसों पर ही पड़ा। कुछ महिला ऑफिसर्स को तो कोरोना काल में अपनी मैटरनिटी लीव छोड़ देश के प्रति अपना फर्ज निभाया। वहीं, इस लिस्ट में अब सौम्या पांडेय का नाम भी जुड़ गया है।
22 दिन की बच्ची के साथ कार्यालय पहुंची IAS सौम्या
गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील की एसडीएम पद तैनात सौम्या 22 दिन पहले ही एक बेटी की मां बनी है लेकिन देश के प्रति अपने फर्ज को समझते हुए वह कार्यालय पहुंची और अपनी ड्यूटी संभाली। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर भी खूब वायरल हो रही है, जिसमें वह अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ ऑफिस की कुर्सी पर बैठी नजर आ रही हैं। इसके अलावा @Dr.Prashanth नाम के ट्वीटर अकाउंट से उनका एक वीडियो भी शेयर किया है, जो काफी वायरल हो रहा है।
Must be inspired by @GummallaSrijana ! @IASassociation Soumya Pandey (SDM Modinagar) didnt availed 06 months maternity leave, joined back office with her infant daughter. #CoronaWarriors pic.twitter.com/8Q6Cju2X49
— Dr.Prashanth (@prashantchiguru) October 12, 2020
एक साथ निभा रही SDM और मां का फर्ज
22 दिन पहले मां बनी सौम्या ने 3 महीने की मैटरनिटी लीव ली थी लेकिन वह 22 दिन बार ही कार्यालय में लौंट आईं। वह अपने नवजात शिशु को घर में अकेला नहीं छोड़ सकती थी इसलिए उसे भी अपने साथ दफ्तर ले आईं। ऐसे में वह मां और अफसर दोनों का फर्ज एकसाथ निभा रही हैं, जिसकी वजह से लोग उनकी खूब सराहना कर रहे हैं।
सेफ्टी का रखती हैं पूरा ध्यान
बता दें कि IAS सौम्या पांडे गाज़ियाबाद के मोदीनगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। सौम्या ने बताया कि वह कोरोना काल के चलते सेफ्टी की सभी बातों का खास ख्याल रखती हैं। इसके साथ ही वह फाइलों को बार-बार सैनेटाइज करती रहती हैं।
कर्मचारियों का मिल रहा पूरा सहयोग
कार्यालय और मां का फर्ज दोनों निभा रही सौम्या को जिला प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है। वहीं, कार्यालय के बाकी कर्मचारी भी उनका साथ दे रहे हैं और सभी काम भी समय पर पूरे किए जा रहे हैं। गाजियाबाद जिला प्रशासन उनके साथ एक परिवार की तरह खड़ा है।
पहले एग्जाम में ही क्लीयर की थी IAS परीक्षा
बता दें कि सौम्या ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। उन्होंने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से अपनी पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद उन्होंने IAS की परीक्षा दी। उन्होंने पहले अटेम्प्ट में ही 10 लिस्ट में अपनी जगह बना ली थी, जिसके बाद उन्हें गाजियाबाद में तैनात किया गया।
सौम्या का काम के प्रति उनके समर्पण भाव वाकई काबिले तारीफ हैं। उनका यह जज्बा हर लोगों किसी के लिए सीख है।