इस कलयुगी मां के हाथ नहीं कांपे ? 11 साल के बेटे को पहले घुमाया Disneyland और वहीं घोंप दिया चाकू

punjabkesari.in Monday, Mar 24, 2025 - 01:07 PM (IST)

नारी डेस्क: कहा जाता है कि एक मां के लिए अपने बच्चे से बढ़कर कुछ नहीं होता, इस कलयुगी दुनिया में ये बातें झूठी साबित हो रही हैं। अब तो कुछ माएं अपने स्वार्थ के लिए अपने बच्चों को मारने में परहेज नहीं कर रही है। हाल ही में कैलिफोर्निया में  एक भारतीय मूल की महिला ने अपनी 11 वर्षीय बेटे को खुद अपने हाथों से मार दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या इस मां के अपने बच्चे की हत्या करते हुए हाथ नहीं कांपे होंगे।

 

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सांता एना पुलिस विभाग के मुताबिक बुधवार को एक महिला का फोन आया, जिसने बताया कि उसने सांता एना में ला क्विंटा इन एंड सूट के एक कमरे में अपने बेटे की चाकू घोंपकर हत्या कर दी और एक अज्ञात पदार्थ निगल लिया। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और 11 वर्षीय लड़के को डिज्नीलैंड के होटल के कमरे में मृत पाया। हालांकि 48 वर्षीय सरिता रामाराजू की जान बच गई और अस्पताल ले जाया गया।अस्पताल से छुट्टी मिलते ही आरोपी महिला को  गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर हत्या, बच्चों को खतरे में डालने, यातना देने और गंभीर हिंसा के आरोप लगाए गए हैं। अगर वह दोषी पाई जाती है तो उसे 26 साल की जेल हो सकती है। 
 

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अधिकारियों ने बताया कि रामराजू द्वारा सांता एना पुलिस को फोन करके सूचित करने से कई घंटे पहले ही लड़के की हत्या कर दी गई थी। अपराध के लिए इस्तेमाल किया गया एक बड़ा रसोई का चाकू जब्त कर लिया गया है। सरिता रामाराजू और उसके पूर्व पति प्रकाश राजू के बीच बच्चे की कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा था। जनवरी 2018 में दोनों का तलाक हो गया और अदालत ने बच्चे की कस्टडी प्रकाश राजू को दे दी, जबकि सरिता चाहती थी कि बेटा उसके साथ रहे। ऐसे में उसने 3 दिन तक अपने बेटे को डिज्नीलैंड घुमाया और फिर 19 मार्च को अपने उसकी हत्या कर दी, जिस दिन उसे उसे उसके पिता को वापस देना था।
 

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ऑरेंज काउंटी के जिला अटॉर्नी टॉड स्पिट्जर ने कहा- "एक बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित जगह उसके माता-पिता की बाहों में होनी चाहिए। अपने बेटे को प्यार से गले लगाने के बजाय, उसने उसका गला काट दिया और भाग्य के सबसे क्रूर मोड़ में उसे उसी दुनिया से दूर कर दिया, जिसमें वह उसे लेकर आई थी।" स्पिट्जर ने कहा- "एक बच्चे का जीवन दो माता-पिता के बीच संतुलन में नहीं रहना चाहिए, जिनका एक-दूसरे के प्रति गुस्सा उनके बच्चे के प्रति प्यार से अधिक है।"
 


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vasudha

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