बच्चों के लिए सेफ माइश्चराइजर कैसे चुनें? क्रीम या लोशन उन्हें कब लगाएं

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 03:17 PM (IST)

परिवार में एक नए नन्हे-मुन्ने सदस्य का आना बहुत ही खुशी की बात होती है, उसे सुरक्षित और स्वस्थ रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन जाती है। शिशु की देखभाल से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है उसकी नाजुक त्वचा को स्वस्थ रखना। सर्दियों में शिशु को ठंड क्लाइमेट से बचाने के लिए माइश्चराइजर सबसे मददगार चीजों में से एक है। शिशु की त्वचा बड़ों की त्वचा से अलग होती है और लगातार विकसित होती रहती है, इसीलिए इस पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। बड़ों की त्वचा की तुलना में शिशु की त्वचा की सबसे बाहरी परत 30% पतली होती है और दोगुनी तेजी से नमी खो सकती है। इसीलिए उनकी त्वचा को खासकर नहाने के बाद या घर के भीतर के हीटिंग के संपर्क में आते हुए हमेशा माइश्चराइज्ड रखना जरूरी है। माइश्चराइजर पहले दिन से ही रूखेपन को रोकने में मदद करता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है। शिशु की त्वचा की देखभाल के लिए शिशुओं के लिए सुरक्षित माइश्चराइजर चुनने की सिफारिश की जाती है। इस तरह का माइश्चराइजर सर्दियों में त्वचा पर आने वाले 5 लक्षणों जैसे कि, रेडनेस, सूखापन, सफेद परत, खुजली और स्टिंग से बचाने में मदद करता है।

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अक्सर माता-पिता कन्फ्यूज रहते हैं कि क्रीम और लोशन में से क्या और कब इस्तेमाल करना है। माइश्चराइजेशन के लिए इन दोनों में से क्या उपयुक्त है, कौन से मौसम में इनमें से किस का इस्तेमाल करना चाहिए इसके बारे में माता-पिता असमंजस में रहते हैं। हर उत्पाद के अपने फायदे होते हैं जो शिशु की त्वचा की खास जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। क्रीम और लोशन के बीच के फर्क को समझना और सोच-समझकर निर्णय लेना महत्वपूर्ण है।

क्रीम

मौसम काफी मायने रखता है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) ने नवजात शिशुओं और बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण बाल चिकित्सा त्वचा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए मानकीकृत दिशानिर्देश लागू किए हैं। शुष्क या ठंडे मौसम में त्वचा रुखा होने से रोकने के लिए शिशु के पूरे शरीर पर, खास कर खुले अंगों, जैसे चेहरे, हाथ और पैरों पर बेबी क्रीम लगाना चाहिए। यह जगहें आबोहवा के संपर्क में आती हैं, इसलिए उन पर अधिक माइश्चराइजिंग करने वाली क्रीम लगाई जानी चाहिए।

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क्रीम गाढ़ी कंसिस्टेंसी की और कॉन्सेंट्रेटेड होती हैं। उनसे काफी ज्यादा और लंबे समय तक बनी रहने वाली नमी मिलती है, क्रीम में अक्सर तेल और मोम की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चे की त्वचा पर एक सुरक्षा परत बनाकर रखती है। बेबी क्रीम चुनते समय, ऐसी क्रीम चुनने की सलाह दी जाती है जो खास कर शिशुओं के लिए, लंबे समय तक नमी बनाए रखने के लिए डिजाइन की गई हो। क्रीम में कैमोमाइल जैसी प्राकृतिक सामग्री होनी चाहिए, जो प्राकृतिक रूप से सूजन को रोकती है, त्वचा की जलन को कम करती है और शिशु की त्वचा को रूखेपन से बचाती है। ऐसी क्रीम चुनें जो जिसमें नारियल का तेल और प्राकृतिक रूप से प्राप्त ग्लिसरीन हो, जो बच्चे की त्वचा को हाइड्रेट करें और नमी को बनाए रखें। नारियल का तेल शिशु की त्वचा के लिए एक प्राकृतिक पावरहाउस है। इसमें पौष्टिक फैटी एसिड रोगाणुरोधी गुण होते हैं, यह एक उत्कृष्ट माइश्चराइजर के रूप में कार्य करता है और त्वचा को सामान्य जलन से बचाता है।

लोशन

गर्म और आर्द्र इलाकों में, शिशु की त्वचा के लिए डिजाइन किया गया, लाइट लोशन इस्तेमाल किया जाना चाहिए। गाढ़े क्रीम में चिकनाहट होती है जो लोशन में नहीं होती और लोशन चिकनाहट के बिना त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है। लोशन में आमतौर पर पानी की मात्रा अधिक होती है, जिसकी वजह से यह लाइट, बिना चिपचिपे और जल्दी सोखने वाले होते हैं। इसीलिए गर्म मौसम में हर दिन के उपयोग के लिए लोशन सही है। ऐसे लोशन चुनें जो दूध प्रोटीन, चावल, नारियल तेल के गुणों से भरे हो।

आदर्श माइश्चराइजर को कैसे चुनें? 

जन्म के पहले दिन से ही शिशुओं की त्वचा पर उपयोग करने के लिए सुरक्षित हों, ऐसी सामग्री वाले उत्पाद शिशु त्वचा देखभाल के लिए चुनें। ऐसे माइश्चराइजर का उपयोग करने की सलाह दी जाती है जिनकी जांच बाल रोग विशेषज्ञ और त्वचा विशेषज्ञ द्वारा की गयी है। उन्हें हाइपोएलर्जेनिक कहा जा सकता है, जिसका अर्थ है कि उनसे एलर्जी होने की संभावना कम होती है, शिशु की नाजुक त्वचा पर जलन या एलर्जी न हो इसके लिए उनकी सुगंध भी हल्की होती है। जिनमें पैराबेंस, सल्फेट्स, फ़ेथलेट्स और डाई हों, ऐसे उत्पादों का उपयोग कतई न करें।

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हमेशा ऐसा माइश्चराइजर चुनें जो शिशु की त्वचा को लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखे ताकि त्वचा मुलायम और स्वस्थ रहे। शिशु की नाजुक त्वचा की देखभाल के लिए शिशु के लिए सुरक्षित मॉइश्चराइजर चुनना महत्वपूर्ण है। क्रीम और लोशन के बीच फर्क को समझने से आप शिशु की खास जरूरतों के अनुसार उत्पाद चुनने में सक्षम हो जाते है। क्रीम और लोशन के बीच चयन करते समय, शिशु की त्वचा के प्रकार पर ध्यान दें। यदि उसकी त्वचा रूखी या संवेदनशील है, तो क्रीम अधिक इंटेंसिव और लंबे समय तक चलने वाला हाइड्रेशन दे सकती है। दूसरी ओर, सामान्य त्वचा वाले शिशुओं के लिए, रोजाना उपयोग के लिए हल्का लोशन अधिक उपयुक्त हो सकता है। याद रखें, लक्ष्य आपके नन्हे-मुन्ने की त्वचा को नमीयुक्त, संरक्षित और सबसे महत्वपूर्ण बात, स्वस्थ रखना है।

(डॉ पवन कल्याण पिन्नामनेनी, प्रोफेसर डॉक्टर पीएसआईएमएस एंड रिसर्च फाउंडेशन, 
चिन्ना औटापल्ली)


 


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palak

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