रात को सोते समय क्यों चढ़ जाती है नस? ये देसी नुस्खे दिलाएंगे तुरंत आराम
punjabkesari.in Wednesday, Aug 04, 2021 - 10:05 AM (IST)
कई बार कोई काम करते या एक दम उठते-बैठते अचानक गर्दन, पैरों में दर्द होने लगता है, जिसे नस चढ़ना भी कहते हैं। नस पर नस चढ़ना आम समस्या है लेकिन जब भी शरीर में कहीं नस चढ़ जाती है तो जान ही निकल जाती है। वहीं, अगर को सोते समय पैर या गर्दन की नस चढ़ जाए तो दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आप कुछ आसान व देसी नुस्खे अपनाकर इससे मिनटों में छुटकारा पा सकते हैं।
क्यों चढ़ती है नस पर नस?
ऐसा मांसपेशियों के सिकुड़ने (Muscle Contraction) से नस चढ़ सकती है। तंतुओं में खराबी के कारण मांसपेशियों की गांठ बन जाती है, जिससे तेज दर्द होता है। नस पर नस चढ़ जाने के कारण ना सिर्फ तेज दर्द होता है बल्कि कई बार उस हिस्से में सूजन भी आ जाती है। आमतौर पर यह समस्या गर्दन, हाथ-पैर, जांघ, पिंडली, पस्लियों और पेट के कुछ हिस्सों में होती।
बार-बार क्यों चढ़ती है नस?
. शारीरिक कमजोरी
. शरीर में पानी की कमी होना
. खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम की कमी होना
. मैग्नीशियम की मात्रा का कम होना
. अधिक शराब पीना
. शुगर या पौष्टिक आहार की कमी
. अधिक तनाव लेना
. गलत पॉश्चर में बैठना
. मांसपेशियों में पर्याप्त मात्रा में खून ना पहुंच पाना
. डायलिसिस पर रहना
. कुछ दवाओं के कारण
. नसों में कमजोरी के कारण भी बार-बार नस चढ़ती रहती है।
चलिए अब आपको बताते हैं कि नस पर नस चढ़ जाए तो क्या करें...
पैर की नस जाए तो करें ये काम
जिस पैर की नस चढ़ी हो उसी तरफ के हाथ के बीच की ऊंगली के नाखून के नीचले भाग को दबाएं और छोड़े। ऐसा तब तक करें, जब तक वो ठीक ना हो जाए। साथ ही पैरों के नीचे तकिया रख कर सोएं।
कान का प्वाइंट दबाएं
बाएं पैर पर नस चढ़ जाए तो दाएं हाथ की उंगली से कान के नीचले जोड़ को दबाएं। इसी तरह दाएं पैर की नस चढ़ने पर बाएं हाथ की उंगली से कान का प्वाइंट दबाएं। इससे कुछ ही सेंकड में दर्द ठीक हो जाएगा।
बर्फ से सिंकाई
जिस जगह ये परेशानी हुई है वहां दिन में कम से कम 3 बार 15 मिनट तक बर्फ की सिकाई करें।इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा।
तेल मालिश
सरसों, नारियल तेल, जैतून या किसी भी एसेंशियल ऑयल को गुनगुना करके प्रभावित एरिया पर हल्के हाथों से मसाज करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और आपको आराम मिलेगा।
स्ट्रेचिंग करे
नस चढ़ने पर तब तब स्ट्रेचिंग जब तक मांसपेशी उल्टी तरफ खिंचने ना लगे। ध्यान रखें कि ज्यादा तेज से स्ट्रेचिंग ना करें।
नमक खाएं
सोडियन की कमी से भी नस चढ़ने की परेशानी हो सकती है। ऐसे में जब नस पर नस चढ़े तो हथेली पर थोड़ा-सा नमक रखकर चूसें। इससे आप खुद फर्क महसूस करेंगे।
पोटेशियम की कमी
अगर पोटेशियम की कमी से नस चढ़ जाती है तो केले, चुकंदर, बादाम, किशमिश, अखरोट, शकरकंद, संतरे का जूस, आलू, दही, खजूर, टमाटर का सेवन करें।
विटामिन युक्त डाइट लें
डाइट में विटामिन, मैग्नीशियम, कैल्शियम युक्त आहार लें और चाय, कॉफी और चॉकलेट का सेवन कम करें। साथ ही भोजन के तुरंत बाद व्यायाम ना करें।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
आमतौर पर नस खुद उतर जाती है लेकिन आपको अक्सर यह परेशानी रहती है तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा...
. नस चढ़ने के लक्षण बढ़ने लगे
. बार-बार नस चढ़े
. प्रभावित हिस्से में सुन्नपन या झनझनाहट
. किसी जोड़ में जकड़न महसूस होना
. लेटने या सोते हुए बार-बार नस चढ़े तो उसे हल्के में ना लें।