दो नहीं, 6 तरह के होते हैं थायराइड, 5 घरेलू नुस्खे से करें इलाज
punjabkesari.in Saturday, May 25, 2019 - 06:53 PM (IST)

आज दुनियाभर में 'वर्ल्ड थायराइड डे' मनाया जा रहा है, जिसका मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है। थायराइड ग्लैंड में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाने के कारण यह समस्या होती है। शोध के अनुसार, 42 मिलियन भारतीयों में अलग-अलग प्रकार के थायराइड पाए जा चुके हैं और ऐसे भी कई सारे मामले हैं जिनकी जांच नहीं हो पाई है।
चलिए आज हम आपको थायराइडड के कारण लक्षण और इलाज के बारे में बताते हैं, जिससे आप इस बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
क्या है थायराइड डिसऑर्डर?
यह बीमारी थायराइड ग्रंथि की अधिक या कम सक्रियता के कारण होती है। शरीर में थायरायड एक ग्रंथि है, जिससे थायोराइक्सिन टी-4 ट्रिडोथारोनाइन टी-3 हार्मोन्स स्रावित होते हैं। ये हार्मोन्स शरीर की एनर्जी को कंट्रोल करे ब्लड सकुर्लेशन, सांस लेने और डाइजेशन जैसी जरूरी क्रियाओं में मदद करते हैं। इस ग्रंथि में खराबी आ जाने के कारण थायरायड की शिकायत हो जाती है।
महिलाओं को 9 गुना ज्यादा खतरा
भारत में थायराइड की समस्या लगातार बढ़ रही हैं, खासकर महिलाओं में। स्टडी के मुताबिक, पुरूषों की तुलना में महिलाओं को थायरायड होने की आंशंका 9 गुना अधिक होती है। थायरायड ग्रंथि में इन हार्मोन्स के कम या अधिक बनने पर दिक्कतें शुरू होती हैं। इनके कम बनने से शरीर में शिथिलता आ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि एक उम्र के बाद रेगुलर चेकअप करवाते रहें।
थायराइड के प्रकार
हाइपोथायराइड
जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से कम मात्रा में हार्मोंस का निर्माण नहीं करती है।
हाइपरथायराइड
जब थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोंस का निर्माण करती है।
थायराइडिटिस
जब थायराइड ग्रंथि में सूजन आती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली एंटीबॉडी का निर्माण करती है, जिससे थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है।
गॉइटर
भोजन में आयोडीन की कमी होने पर ऐसा होता है, जिससे गले में सूजन और गांठ जैसी नजर आती है। इसका शिकार ज्यादातर महिलाएं होती हैं। इसलिए, महिलाओं में थायराइड रोग के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं।
थायराइड नोड्यूल
इसमें थायराइड ग्रंथि के एक हिस्से में सूजन आ जाती है। यह सूजन कठोर या फिर किसी तरल पदार्थ से भरी हुई हो सकती है।
थायराइड कैंसर
जब थायराइड ग्रंथि में मौजूद टिशू में कैंसर के सेल बनने लगते हैं।
थायराइड के कारण
थायराइड की समस्या कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन न करने, ज्यादा नमक या सी फूड खाने और हाशिमोटो रोग के कारण हो सकती है। इसके अलावा शरीर में आयोडीन और विटामिन बी12 के कमी कारण भी थायराइड का खतरा बढ़ जाता है।
थायराइड के लक्षण
कब्ज और पेट में गड़बड़ी रहना
थकावट और तनाव
त्वचा में रूखापन और सूजन
वजन बढ़ना या कम होना
पसीना आना कम होना
ह्रदय गति का कम होना
उच्च रक्तचाप
जोड़ों में सूजन या दर्द
याददाश्त कमजोर होना
अनियमित पीरियड्स
मांसपेशियों में दर्द
समय से पहले बालों का सफेद होना
घरेलू नुस्खों से करें थायराइड का इलाज
कुछ टेबलेट्स के नियमित सेवन से इस पर काबू पाया जा सकता है। अगर सही समय और सही मात्रा में दवाइयां ना ली जाए तो हानिकारक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। दवाइयों के साथ-साथ आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी थायराइड को कंट्रोल कर सकते हैं।
पीएं हल्दी वाला दूध
रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से भी थायराइड कंट्रोल में रहता है। अगर आप हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहती तो आप हल्की को भून कर भी खा सकती हैं। इससे भी थायराइड को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
प्याज से करें गले की मसाज
प्याज को 2 हिस्सों में काटकर सोने से पहले थायराइड ग्लैंड के पास क्लॉक वाइज मसाज करें और फिर रातभर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। कुछ दिन लगातार ऐसे करने से आपको इसके नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगें।
आयुर्वेदिक इलाज मुलेठी
थायराइड के मरीज जल्दी थक जाते हैं। ऐसे में मुलेठी का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा। इसमें मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित करके थकान को उर्जा में बदल देते हैं।
हरा धनिया
थाइराइड का घरेलू इलाज करने के लिए हरा धनिया को पीसकर उसकी चटनी बना लें। इसे 1 गिलास पानी में घोलकर रोजाना पीने से थायराइड कंट्रोल में रहेगा। आप चाहे तो चटनी का सेवन खाने के साथ भी कर सकती हैं।
अलसी के बीज
एक चम्मच अलसी के पाउडर को 1 गिलास दूध या फिर फलों के रस में डालें। अब इसे अच्छी तरह मिक्स करें और पिएं। दिन 1-2 बार इस दूध का सेवन थायराइड को कंट्रोल में रखेगा।