हर 6 में से 1 इंसान भीड़ में तन्हा करता है महसूस, हर घंटे अकेलेपन के कारण होती है 100 मौतें
punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 03:54 PM (IST)

नारी डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंगलवार को आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 17 प्रतिशत या छह में से एक व्यक्ति अकेलेपन से प्रभावित है, और यह स्थिति हर घंटे अनुमानित 100 मौतों से जुड़ी है। 2014 से 2023 के बीच सालाना 8,71,000 से अधिक मौतें होती हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि अकेलेपन का स्वास्थ्य और कल्याण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, लेकिन मजबूत सामाजिक संबंध बेहतर स्वास्थ्य और लंबी उम्र की ओर ले जा सकते हैं।
युवा सबसे ज्याद महसूस करते हैं अकेलापन
डब्ल्यूएचओ अकेलेपन को दर्दनाक भावना के रूप में परिभाषित करता है जो वांछित और वास्तविक सामाजिक संबंधों के बीच अंतर से उत्पन्न होती है, जबकि सामाजिक अलगाव पर्याप्त सामाजिक संबंधों की वस्तुनिष्ठ कमी को संदर्भित करता है। दूसरी ओर, सामाजिक संबंध वह तरीका है जिससे लोग दूसरों से जुड़ते हैं और बातचीत करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि किशोरों और युवा वयस्कों में अकेलेपन की दर सबसे अधिक है (13-17 वर्ष के बच्चों में 20.9 प्रतिशत और 18-29 वर्ष के बच्चों में 17.4 प्रतिशत)।
खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं लोग
अकेलेपन की भावना कम आय वाले देशों में भी अधिक आम है, जहां लगभग चार में से एक व्यक्ति (24 प्रतिशत) अकेलापन महसूस करता है। सबसे अधिक दरें डब्ल्यूएचओ अफ्रीकी क्षेत्र (24 प्रतिशत) में पाई जाती हैं - जो उच्च आय वाले देशों (लगभग 11 प्रतिशत) की दर से दोगुनी है। पूर्वी भूमध्यसागरीय (21 प्रतिशत) और दक्षिण-पूर्व एशिया (18 प्रतिशत) क्षेत्रों से भी अकेलेपन की रिपोर्ट मिली। हालांकि, यूरोपीय क्षेत्र में यह दर सबसे कम है, जो लगभग 10 प्रतिशत है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा- "इस युग में जब जुड़ने की संभावनाएं अनंत हैं, अधिक से अधिक लोग खुद को अलग-थलग और अकेला पा रहे हैं।" उन्होंने कहा- "व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के अलावा, अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो अकेलेपन और सामाजिक अलगाव से स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और रोजगार के मामले में समाज को अरबों डॉलर का नुकसान होगा।"
ये है अकेलेपन का कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामाजिक अलगाव पर डेटा सीमित है, लेकिन अनुमान है कि यह 3 में से 1 वृद्ध वयस्क और 4 में से 1 किशोर को प्रभावित करता है। रिपोर्ट के अनुसार, खराब स्वास्थ्य, कम आय और शिक्षा, अकेले रहना, अपर्याप्त सामुदायिक बुनियादी ढांचा और सार्वजनिक नीतियां और डिजिटल तकनीक अकेलेपन के प्रमुख कारण हैं। रिपोर्ट में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण पर अत्यधिक स्क्रीन समय या नकारात्मक ऑनलाइन बातचीत के प्रभावों के बारे में सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।