मास्क लगाने पर क्यों होती हैं खांसी? जानिए एक्सपर्ट की राय

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 01:47 PM (IST)

कोरोना से आज दुनियाभर के करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके है। साथ ही इस गंभीर बीमारी के चलते लाखों की गिनती में लोग अपनी जान गवां बैठे हैं। बात अगर इसके आंकड़े की करें तो अमेरिका में 65 लाख से भी अधिक लोग इसकी चपेट में आए है। भारत में करीब 44 लाख लोग इस गंभीर बीमारी से संक्रमित हुए है। जहां इसकी चपेट में आए लोगों की गिनती बढ़ रही है, वहीं इस बीमारी को मात देकर ठीक होने वाले लोगों में भी बढ़ोतरी हो रही है। इससे जुड़े कई शोध होने पर वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स द्वारा मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिसटेंसिंग का पालन करना सबसे बेहतर उपाय माना गया है। मगर इस वायरस से जुड़े बहुत से सवाल लोगों के मन में अभी भी है। ऐसे में इनका जवाब पाना बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं...

मास्क पहनने से सांस लेने के बाद खांसी क्यों आती है? 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, मास्क लगाने के  ऊपर हुई कई रिसर्च के मुताबिक कॉटन का मास्क पहनने से किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। मगर बात अगर मेडिकल मास्क को इस्तेमाल करने की करें तो यह साधारण लोगों के लिए बल्कि मेडिकल लाइन के लोगों यानी डॉक्टरों के यूज के लिए माने जाते हैं। असल में,आम आदमियों का ज्यादा घंटों तक सर्जिकल या एन 95 मास्क लगाना मुश्किलों को खड़ा करने के बराबर माना जा सकता है। इसे लगाने से व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ के साथ खांसी आने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

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बच्चों के लिए क्या एडवाइजरी जारी की गई? 

डॉक्टरों के मुताबिक, 'कोरोना के शुरूआती दौर में माना गया था कि इस वायरस से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है। मगर अब बच्चों में भी कोरोना के लक्षण तेजी से देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के लिए मास्क को लेकर जरूरी एडवाइजरी जारी कि गई। इस एडवाइजरी के मुताबिक उन सभी बच्चों के लिए मास्क पहनना जरूरी है जिनकी उम्र 12 साल से अधिक है। इसके अलावा एक्सपर्ट् द्वारा 6 से 11 साल तक के बच्चों को भी मास्क पहनने और उनके पेरेंट्स द्वारा बच्चों की देखरेख करने के बारे में कहा गया। असल में कम उम्र के बच्चे स्वभाव से बेहद शरारती होने से वे मास्क को लेकर सतर्क नहीं होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि उन्हें मास्क से जुड़ी बातों के बारे में बताएं। इसके अलावा 5 साल और इससे कम उम्र के बच्चों को मास्क न पहने और घर से बार न जाने की हिदायत दी गई है।' 

किस तरह करें मास्क का सही इस्तेमाल? 

दिल्ली के एक डॉक्टर द्वारा कहा गया कि, 'घर से बिना मास्क पहने न निकले। घर के भी सदस्यों के सेहतमंद होने के बावजूद भी मास्क न पहनने की गलती न करें। एक बार इस्तेमाल किए मास्क को दोबारा नया या धोकर ही पहने। इसके लिए आप खुद भी घर पर कॉटन के कपड़े से मास्क तैयार कर सकते हैं। ताकि एक ही मास्क को धोकर दोबारा इस्तेमाल में लाया जाए। इसके अलावा अगर आप कही बाहर जा रहें तो अपने पास एक एक्सट्रा मास्क रखें। अगर आप सर्जिकल मास्क यूज कर रहें है तो उसे इस्तेमाल करने के बाद डस्टबिन में फेंक दें।' 

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क्या घर के बाकी मरीजों के साथ होम क्वारंटाइन मरीजों के कपड़े धो सकते हैं? 

एक्सपर्ट्स के अनुसार, 'होम क्वारंटाइन का मतलब कोरोना की चपेट में आना कि जगह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना भी हो सकता है। ऐसे में यह बात जरूरी नहीं है कि होम क्वारंटाइन व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव हो। इसलिए उसके कपड़े घर के बाकी सदस्यों के साथ धो सकते हैं। मगर इससे पहले इस बात को अच्छे से सुनिश्चित कर लें कि वह व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव न हो। अगर कहीं उसका टेस्ट पॉजीटिव आता है तो उसके कपड़े अलग धोने में ही भलाई है। अगर कही संभव हो सके तो मरीज अपने खुद ही कपड़े धोए तो वह ज्यादा बेहतर रहेगा।'  

 


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neetu

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