गे ना रहूं इसलिए मेरी ब्रेन सर्जरी कराना चाहते थे माता- पिता... गुजरात के समलैंगिक प्रिंस का छलका दर्द
punjabkesari.in Wednesday, Aug 02, 2023 - 03:53 PM (IST)
भारत के इतिहास राजा-महाराजाओं से भरा हुआ है। एक वक्त ऐसा था जब राज्यों और देश का शासन शाही परिवारों द्वारा चलाया जाता था। पीढ़ी दर पीढ़ी नये राजा और रानी देश की सत्ता चलाते थे। कहा जाता है कि कुछ राजा ऐसे भी थे जिनके राज आज तक राज ही बने हुए हैं, लेकिन राजकुमार मानवेन्द्र सिंह गोहिल को लेकर ऐसा नहीं है। वह दुनिया के पहले खुले तौर पर समलैंगिक राजकुमार हैं और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस बात का स्वीकारा है।
एलजीबीटी समुदाय के लिए आवाज उठाते हैं राजकुमार
मानवेंद्र सिंह गोहिल एक भारतीय राजकुमार हैं जो गुजरात में राजपीपला के महाराजा के पुत्र और संभावित उत्तराधिकारी हैं । वह दुनिया के पहले खुले तौर पर समलैंगिक राजकुमार हैं। वह एक चैरिटी, लक्ष्य ट्रस्ट चलाते हैं, जो एलजीबीटी समुदाय के साथ काम करते है। हाल ही में गोहिल ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता उनकी ब्रेन सर्जरी करना चाहते थे ताकि वह समलैंगिक ना रहें।
राजकुमार ने बताया अपना दर्द
राजकुमार का यह भी कहना है कि माता- पिता उन्हें इलेक्ट्रोशॉक थेरेपी देने के लिए भी तैयार थे। हालांकि अमेरिका में डॉक्टरों ने उनका ईलाज करने से सह कहकर मना कर दिया कि समलैंगिकता एक मानसिक विकार नहीं है। स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में गोहिल ने कहा- "यह भेदभाव और मानवाधिकारों के उल्लंघन का पूर्ण मामला था। चाहे मैं राजकुमार हूं या नहीं, माता-पिता को अपने बच्चों को इस तरह की यातना देने का कोई अधिकार नहीं है।"
लोगों को जागरूक करना चाहते हैं राजकुमार
राजकुमार ने कहा- "भले ही ऐसा नहीं हुआ, लेकिन कल्पना कीजिए कि माता-पिता के हाथों इस दर्द और पीड़ा को सहने के लिए किसी को कितना उत्पीड़न सहना पड़ता है, कितना अपमान सहना पड़ता है - और यह भारत में बहुत से लोगों के साथ हो रहा है, "। स्काई न्यूज ने प्रिंस के हवाले से आगे कहा- "यह शिक्षा की कमी, जागरूकता की कमी है जो लोगों को समलैंगिकता और कट्टरता का कारण बनती है... उन्हें शिक्षित करना और तथ्यों के बारे में जागरूक करना हमारा कर्तव्य है।"
प्रिंस गोहिल ने शुरू की कानूनी लड़ाई
गुजरात की पूर्व रियासत राजपीपला के महाराजा के उत्तराधिकारी प्रिंस गोहिल ने सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई शुरू की है, जिसका उद्देश्य कानून के माध्यम से भारत में रूपांतरण चिकित्सा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है। 2006 में, राजकुमार ने उस समय मीडिया का काफी ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने खुले तौर पर अपनी समलैंगिकता की घोषणा की, जिसके कारण उनके गृह राज्य में विरोध और प्रदर्शन हुए। उस वक्त गुस्साई भीड़ ने उनके पुतले जला दिए थे।
2006 में दुनिया को बताई थी अपनी सच्चाई
कुछ सालों पहले मानवेंद्र सिंह गोहिल ने यह भी बताया था कि-, उन्हें एक महिला के साथ शादी के लिए मजबूर किया गया था। इस दौरान उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा जिसे उन्होंने चुपचाप सहा। हालांकि साल 2013 में उन्होंने एक लड़के से शादी कर ली थी। मानवेंद्र ने साल 2006 में दुनिया के सामने इस बात को एक लोकल अखबार के जरिए सामने रखा, ये वो दौर था जब समलैंगिकता को अवैध माना जाता था। बता दें, प्रिंस मानवेंद्र ने दो दशक पहले गुजरात में LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों में सुधार लाने के उद्देश्य से एक धर्मार्थ संगठन लक्ष्य ट्रस्ट की स्थापना की थी।