Blood Pressure मरीजों के लिए खुशखबरी,अब दो दवाओं की एक डोज से होगा बीपी कंट्रोल
punjabkesari.in Wednesday, Nov 20, 2024 - 04:39 PM (IST)
नारी डेस्क: आजकल बीपी (ब्लड प्रेशर) की समस्या एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन गई है। चाहे अमेरिका हो या भारत, विकसित देशों में भी यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हाल ही में एम्स (AIIMS) ने एक नई स्टडी की है, जिसमें बीपी को कंट्रोल करने का एक नया तरीका सामने आया है। चलिए जानते हैं इस नई रिसर्च के बारे में विस्तार से।
क्या है हाई बीपी और इसकी गंभीरता?
हाई बीपी तब होता है जब आपकी धमनी की दीवारों पर खून का दबाव लगातार बढ़ता रहता है। इसका असर समय के साथ आपकी आर्टरिज (धमनियों) पर पड़ता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, और इसकी गंभीरता को नज़रअंदाज़ करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
एम्स की नई स्टडी
एम्स और इंपीरियल कॉलेज, लंदन ने मिलकर एक नई रिसर्च की है, जिसमें बीपी को कंट्रोल करने के लिए दो दवाओं का संयोजन किया गया है। इस संयोजन से एक नई दवा तैयार की गई है, जो बीपी के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। यह दवा 70% तक मरीजों पर प्रभावी पाई गई है, और इससे पहले की दवाएं भी ज्यादा असरदार हो गई हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंबुज राय का कहना है कि भारत में बीपी की समस्या बहुत आम है और यह किसी को भी अचानक हो सकती है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो दिल के दौरे और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, पहले भी दवाओं के कॉम्बिनेशन से इलाज किया जाता था, लेकिन यह नई दवा अब ज्यादा असरदार साबित हो रही है। यह दवा 70% मरीजों पर असरदार पाई गई है, जिससे बीपी कंट्रोल में रहने लगा है।
कौन सी दवाओं का किया गया था परीक्षण?
इस स्टडी में तीन प्रकार के दवाओं के संयोजन पर शोध किया गया था:
एमलोडिपाइन + पेरिंड्रोपिल
एमलोडिपाइन + इंडापामाइड
इंडापामाइड + पेरिंड्रोपिल
हालांकि, इन तीनों संयोजनों में से कौन सा सबसे ज्यादा प्रभावी रहा, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
किस पर हुई स्टडी?
यह स्टडी भारत के 35 अलग-अलग क्षेत्रों में की गई थी, जिसमें 1,981 लोग शामिल थे। इन क्षेत्रों में ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के लोग शामिल थे, और इनकी उम्र 39 से 70 वर्ष के बीच थी। स्टडी में पाया गया कि केवल 3% लोगों को ही दवाओं के दुष्परिणाम हुए।
हाई बीपी के शुरुआती संकेत
हाई बीपी को "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि यह बिना किसी बड़े लक्षण के शरीर पर असर डालता है। फिर भी, इसके कुछ शुरुआती संकेत हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप इसका पता लगा सकते हैं:
सिरदर्द होना।
धुंधला दिखाई देना।
चक्कर आना।
सीने में दर्द रहना।
सांस लेने में परेशानी होना।
विशेषज्ञों की राय
एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंबुज राय के मुताबिक, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इस स्टडी से डॉक्टरों को सही दवा का चुनाव करने में मदद मिलेगी, खासकर भारतीय मरीजों के लिए। प्रो. डॉ. दुरैराज प्रभाकरन, कार्यकारी निदेशक, CCDC ने कहा कि एक सिंगल पिल अब ब्लड प्रेशर को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सकता है, जिससे दक्षिण एशियाई मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प मिलेगा।
यह नई स्टडी बीपी के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। इस संयोजन वाली दवा से कई मरीजों को बेहतर परिणाम मिले हैं, और इसका उपयोग भारत जैसे देशों में काफी लाभकारी हो सकता है, जहां बीपी की समस्या बहुत आम है।