'मदर्स मेड' की Organic मिठाइयों में पाएं 'मां के हाथ का स्वाद'
punjabkesari.in Thursday, Dec 24, 2020 - 05:18 PM (IST)
‘जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है, ‘इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है बस मुट्ठी भर जमीन, सारा आसमान जीतना अभी बाकी है’...
64 वर्ष की नीलू भंडारी के हौंसले इतने बुलंद है कि उम्र के इस पड़ाव में लोगों को फिर से हैल्दी फूड्स की तरफ मोडने के लिए उन्होंने ‘मदर्स मेड’ नाम से मिठाईयां बनानी शुरू की। मिठाईयां तैयार करते हुए उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक और जुबां पर भगवान के नाम का सिमरन रहता है। उनका मानना है कि वह भगवान को समर्पित करने की भावना से मिठाईयां तैयार करती है जिससे उन्हें बहुत शांति मिलती है।
कोरोना काल में नो फैट, नो शुगर हैल्दी मिठाईयों से बढ़ाएं इम्युनिटी
कोविड-19 महामारी के समय में जब हर कोई ऐसे खाद्य पदार्थों को अपनी रूटीन में शामिल करने की कोशिश में है जिससे शरीर की इम्युनिटी बढ़े तो ऐसे में नीलू भंडारी द्वारा निर्मित गाय के घी की मिठाईयों को लोगों ने खूब पसंद किया। देखा जाए तो आजकल हमारी रोजाना जिंदगी में बच्चे जंक फूड का इतना अधिक सेवन करते है कि मोटापे जैसी बीमारी उनमें आम देखने को मिलती है। बच्चों के शरीर इतने खोखले हो चुके है कि उन्हें कोई भी बीमारी आसानी से अपनी चपेट में ले लेती है। बच्चों के सामने अगर दूध, दहीं, पनीर, देसी घी खाने की बात करो तो उनके मूंह बनने लगते है।
सर्दी के मौसम में ठंड से बचने के लिए कुछ समय पूर्व लगभग हर घर से सूखे मेवों, अलसी, तिल और बेसन की पिन्नियां बनने की खूशबू आती थी। आज के समय की बात करें तो किसी के पास इतना समय ही नहीं कि घर में ऐसे हैल्दी खाद्य पदार्थों को तैयार करें। श्रीमति नीलू भंडारी पिछले 5 वर्षो से अपने हाथ की बनी मिठाईयों का बिजनेस करके उसे प्रोफैशन बना लिया है। उनके हाथ की बनी मिठाईयों की मांग सिर्फ अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।
खाना बनाने का नहीं था शौंक
कितना हैरतअंगेज लगता है कि खाना बनाने का उन्हें शादी से पहले कोई शौंक नहीं था। पढ़ाई के दौरान ही उद्योगपति ज्ञानभंडारी से शादी हो गई। दुल्हन द्वारा बनाई जाने वाली पहली रसोई की रस्म को निभाते समय बिना घी के ‘हलवा’ बनाया। सास लीलावती भंडारी ने एक सास की बजाए एक मां का रोल निभाते हुए उस हलवे की भी तारीफ की। उस दिन से ही सास के साथ एक ऐसा रिश्ता बंध गया कि खाना बनाने का उनमें शौंक पैदा हो गया। इसके बाद सासू मां से खाना बनाना तो सीखा ही, साथ ही साथ उनकी जिंदगी के अनुभवों को भी उन्होंने अपने दिल में खास जगह दी।
कुछ हैल्दी बनाने की रही चाहत
बच्चों के लाइफ में सैटल होते ही सास के प्यार से पैदा हुए नीलू भंडारी में कुकिंग के शौंक को पूरा करने का मन बनाया। अपने खाली समय में बच्चों के लिए कुछ हैल्दी शुद्ध देसी घी की मिठाईयां बनानी शुरू की। किसी भी दिन-त्योहार पर वह घर पर ही बेसन मावा बर्फी, बेसन की बर्फी, आटे की पिन्नी, खजूर ड्राईफ्रूट की बर्फी इत्यादि मिठाईयां बनाती थी जिसे परिवार व सगे-संबंधी बहुत पसंद करते रहे है।
फ्रैंडस के कहने पर लिया प्रदर्शनियों में हिस्सा
फ्रैंडस जब उनके हाथ की बनी नो शुगर, नो घी की मिठाईयां चखते तो उनसे अपने लिए भी बनवाकर ले जाते। फ्रैंडस के कहने पर कुछ प्रदर्शनियों में भी हिस्सा लिया। धीरे-धीरे उनके हाथ की बनी हैल्दी आर्गेनिक मिठाईयों की मांग बढने लगी और मिठाईयों के नए आर्डर आने लगे।
क्वालिटी से समझौता नहीं करती समझौता
मिठाईयों का निर्माण करते हुए वह कभी क्वालिटी से समझौता नहीं करती। मिठाइयों में मीठेपन के लिए वह गुड़ या शक्कर का प्रयोग करती हैं। आर्डर पर ही फ्रैश व कस्टमाईज मिठाईयां बनाती है और किसी तरह के प्रीजरवेटिव प्रयोग नहीं करती।
बालीवुड तक है मिठाईयों की मांग
‘कहा जाता है पहले पेट पूजा,फिर काम दूजा’ भाव की कोई भी काम करो पहले पेट भरा हुआ होना जरूरी है। लोग चाहे किसी भी व्यवसाय के साथ जुड़े हो अगर कुछ हैल्दी खाने के लिए नहीं मिलेगा तो काम कैसे हो पाएगा। उनके हाथ की बनी आर्गेनिक साफ सुथरी मिठाईयां बालीवुड गायका आशा भौंसले, जसपिंदर नरूला, कर्मवीर वोहरा, सुप्रिया, आबू सुफी इत्यादि अन्य सितारे भी खूब पसंद करते है।
विदेशों से भी आते हैं ऑर्डर
उनके हाथ की बनी आर्गेनिक व हाईजिनिक मिठाईयों में तिल के लड्डू, अलसी की पिन्नी, बादाम की बर्फी, अलसी गोंद की पंजीरी, बेसन मावा बर्फी, बेसन की बर्फी, आटे की पिन्नी, खजूर की ड्राईफ्रूट पिन्नी, भुने चने की बर्फी, नटी अंजीर की बर्फी, मखाने की पंजीरी, सौंठ व अजवायन के गुड़को लोग गर्मियों और सर्दियों में बहुत पसंद करते है। यहां तक कि वर्जिनिया, फ्लोरिडा, कनाडा, आस्ट्रेलिया, पेरिस व जर्मनी से भी लोग उनसे आर्डर पर मिठाईयां मंगवाते है।
-शीतल जोशी (Shetal Joshi)