गणेश चतुर्थी 2024: आज घर में विराजमान होंगे बप्पा, जानें मूर्ति स्थापना का शुभ समय

punjabkesari.in Saturday, Sep 07, 2024 - 11:41 AM (IST)

नारी डेस्क: आज के इस खास लेख में हम बात करेंगे एक बेहद महत्वपूर्ण और खुशी के मौके गणेश चतुर्थी के बारे में। भारतवर्ष में गणेश चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जिसे धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गणेश जी, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं, को समर्पित है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 07 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी, और इस खास दिन घर में गणेश जी की विधि-विधान से स्थापना करने से परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। इस पर्व पर हिन्दू धर्म के लोग पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करते हैं। जानिए कौन से मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करनी चाहिए, मूर्ति स्थापना की विधि क्या है, और किस प्रकार से आप इस पर्व को अपने घर में खास बना सकते हैं। गणेश चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जिसे भारतवर्ष में धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता गणेश जी को समर्पित है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 07 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन घर में गणेश जी कि विधि-विधान से स्थापना करने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं गणेश जी की मूर्ति स्थापना की सही विधि और इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।

गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि 06 सितंबर 2024 से दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार, गणेश चतुर्थी का पर्व 07 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन गणेश जी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त  गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट तक

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मूर्ति स्थापना की विधि

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें। घर और पूजा स्थल की अच्छी तरह सफाई करें। मंडप सजाना गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए एक मंडप सजाए। फूल, रंगोली, और दीपक का उपयोग कर मंडप को सजाए। एक कलश लें और उसमें गंगाजल, रोली, चावल, कुछ सिक्के, और एक आम का पत्ता डालें। इस कलश को मंडप में स्थापित करें। एक चौकी रखें और उस पर हरा कपड़ा बिछाए। गणेश जी की मूर्ति को इस चौकी पर स्थापित करें। उसके बाद  मूर्ति स्थापना के बाद तीन बार आचमन करें। गणेश जी की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराए। मूर्ति के समक्ष दीपक जलाए। गणेश जी को वस्त्र, जनेऊ, चंदन, शमी के पत्ते, सुपारी, फल, और पीले फूल अर्पित करें। गणेश जी को 21 दूर्वा चढ़ाए और उनके प्रिय भोग जैसे मोदक और लड्डू अर्पित करें। पूजा के अंत में सभी सदस्य मिलकर गणेश जी की आरती करें। प्रसाद बांटें और सभी को उसका आशीर्वाद प्राप्त करें।

रखें इन बातों का ध्यान

स्थानगणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए घर का उत्तर भाग सबसे उत्तम माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूजा का फल अच्छा मिलता है। पूजा के बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए घर-परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।

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मंत्र जाप

स्थापना के दौरान इस मंत्र का जाप करने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है

गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणमं।  
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम।

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गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करके आप अपने परिवार के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना कर सकते हैं। यह पर्व आपके जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाए, यही हमारी शुभकामनाएँ हैं। 

स्वस्थ और आनंदित गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ!
 


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Content Editor

Priya Yadav

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